29 09 2022 stubble burning 23106102

जिले से फसल अवशेषों में आग लगाने वाले 10 आरोपी काबू, 25 हजार का लगाया जुर्माना

कैथल हरियाणा

कैथल जिलें में किसानों को लगातार जागरूक किया जा रहा है कि वे पराली में आग ने जलाएं। इससे पर्यावरण प्रभावित होता है। दूसरी ओर सरकारी निर्देशों पर गठित टीम दौरा कर आग लगाने वालों कार्रवाई कर रही है। मंगलवार को फानों में आग लगाने वाले 10 आरोपियों पर 25 हजार रुपये जुर्माना किया गया है।

डीसी प्रशांत पंवार ने कहा कि फानों में आग लगाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए गांव स्तर पर पटवारी, संबंधित सरपंच, नंबरदार, ग्राम सचिव, पुलिस और कृषि विभाग का कर्मचारी, चौकीदार की कमेटी गठित की गई है तथा पूरे जिला को आठ कलस्टरों में बांटकर अधिकारियों की ड्यूटियां लगाई गई है। डीसी ने क्षेत्र के किसानों से भी आह्वान किया कि बचे हुए अवशेषों यानी फानों में आग नहीं लगाए। फानों में आग नहीं लगाकर उसका प्रबंधन करके किसान अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकता है। फाने जलाने से जहां पर्यावरण प्रदूषित होता है, वहीं जमीन की उपजाऊ क्षमता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है।

पराली जलाने वालों से की जाएगी पर्यावरण नुकसान की भरपाई

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कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप-निदेशक डॉ महावीर सिंह ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति पराली जलाता हुआ पाया जाता है तो उससे पर्यावरण के नुकसान की भरपाई की जाएगी, जिसके तहत दो एकड़ भूमि तक 2500 रुपये प्रति घटना, दो से पांच एकड़ भूमि तक पांच हजार रुपये प्रति घटना, पांच एकड़ से ज्यादा भूमि पर 1500 रुपये प्रति घटना। किसान पराली प्रबंधन करके उसे मशीन से काट कर पशुओं का चारा बना सकता है। पराली को पावर प्लांट, गत्ता मिल व पेपर मिल में बेच कर आय अर्जित कर सकता है। पराली को कंपोस्टिंग करके जैविक खाद बना सकता है। खूंटों का काटने व जलाने की बजाय जीरो टोलेज मशीन द्वारा गेहूं की सीधा बिजाई कर सकता है। उन्होंने कहा कि अब तक फाने जलाने पर 10 किसानों पर 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया जा चुका है।