● हरियाणा MBBS परीक्षा घोटाला: अनुशासन समिति ने नंबरों में गड़बड़ी की पुष्टि की
● अवार्ड लिस्ट में नंबरों से हुई छेड़छाड़, बड़े पैमाने पर पैसे लेकर बढ़ाए गए अंक
● छात्र की शिकायत से खुला मामला, जांच में जुटी अनुशासन समिति और पुलिस
MBBS Exam Scam Haryana:हरियाणा के MBBS एनुअल और सप्लीमेंट्री परीक्षा घोटाले की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक (UHSR) द्वारा गठित अनुशासन समिति ने इस गड़बड़ी की पुष्टि की है। PGIMS रोहतक के निदेशक और अनुशासन समिति के अध्यक्ष डॉ. एसके सिंघल ने जांच में पाया कि परीक्षा में छात्रों को दिए गए अंकों में हेराफेरी की गई थी।
सूत्रों के अनुसार, जांच के दौरान उत्तर पुस्तिकाओं (Answer Sheets) में दिए गए नंबर अवार्ड लिस्ट में दर्ज नंबरों से मेल नहीं खा रहे थे। इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि न केवल परीक्षाओं में हेरफेर हुआ, बल्कि परिणामों (Result) को भी जानबूझकर बदला गया।
रैकेटियरों की पहचान में जुटी जांच कमेटी:
जांच में सामने आया है कि रैकेटियर (अवैध रूप से नंबर बढ़ाने वाले) पहले से उत्तर पुस्तिकाओं में छेड़छाड़ करने में असमर्थ थे, इसलिए उन्होंने अवार्ड लिस्ट में अंकों में फेरबदल करने का तरीका अपनाया। इस प्रक्रिया के तहत छात्रों को परीक्षा में पास कराने या अधिक अंक दिलाने के बदले बड़ी रकम वसूली जाती थी।
सूत्रों ने बताया कि रिजल्ट घोषित होने से कुछ दिन पहले इस हेराफेरी को अंजाम दिया गया। इस पूरे सिस्टम को ‘डायरेक्ट सिस्टम’ कहा जाता है, जहां छात्रों को अच्छे नंबर दिलाने के लिए अवार्ड लिस्ट में हेरफेर किया जाता था।
छात्र की शिकायत से खुला घोटाला:
इस गड़बड़ी को उजागर करने का श्रेय एक मुखबिर एमबीबीएस छात्र को जाता है, जिसने जनवरी में UHSR अधिकारियों के सामने इस घोटाले की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि कैसे अवार्ड लिस्ट में अंकों की हेराफेरी कर छात्रों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
इसके अलावा, तीन सदस्यीय जांच पैनल ने भी पहले इस अवैध प्रथा की ओर इशारा किया था, जिससे मामले की गंभीरता और भी बढ़ गई। अब अनुशासन समिति इस घोटाले के मास्टरमाइंड्स को पकड़ने में जुटी है और पुलिस की मदद से इस पूरे मामले में दोषियों पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है।