हरियाणा के कद्दावर नेता और कैबिनेट मंत्री अनिल विज एक बार फिर एक्शन मोड में हैं। इस बार उनका फोकस ट्रांसपोर्ट और पावर विभागों में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने पर है। हाल ही में इन विभागों में सीएम फ्लाइंग की ओर से अचानक छापेमारी की गई, जिससे हड़कंप मच गया। इसके बाद अब अनिल विज ने प्रदेश के सभी जिलों से मोटर व्हीकल इंस्पेक्टरों (MVI) की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने यह जानकारी मांगी है कि कौन सा MVI कहां और कब से तैनात है। माना जा रहा है कि यह कदम ट्रांसपोर्ट विभाग में व्याप्त अनियमितताओं की जड़ तक पहुंचने की मंशा से उठाया गया है।
वहीं, ट्रांसपोर्ट विभाग में शुरू किए जा रहे ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (ATS) की प्रगति पर भी अनिल विज ने अधिकारियों से अपडेट लिया है। ये स्टेशन आने वाले समय में राज्य में वाहन फिटनेस की जांच की प्रक्रिया को पूरी तरह बदल देंगे। ATS में लगाई जाने वाली मशीनें पूरी तरह स्वचालित होंगी, जो ब्रेक, सस्पेंशन, उत्सर्जन स्तर जैसी कई तकनीकी जांचें बिना मानवीय हस्तक्षेप के कर सकेंगी। इससे जहां वाहन परीक्षण अधिक पारदर्शी और त्रुटिरहित होगा, वहीं भ्रष्टाचार की संभावनाएं भी न्यूनतम होंगी।
सरकार का लक्ष्य है कि अगले छह महीने के भीतर राज्य में 6 ATS पूरी तरह से काम करने लगें। इन स्टेशनों पर आधुनिक सुविधाएं जैसे कि ATM, लाउंज और कैफेटेरिया भी उपलब्ध होंगी, जिससे वाहन मालिकों को बेहतर अनुभव मिलेगा। इन स्टेशनों को 3 से 6 लेन तक के हिसाब से डिजाइन किया जा रहा है, और भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की टेस्टिंग के लिए भी इन्हें अपग्रेड किया जाएगा।
ATS के सक्रिय होते ही मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (MVI) का पारंपरिक रोल खत्म हो सकता है। अभी तक ये अधिकारी ही वाहन फिटनेस की जिम्मेदारी संभालते हैं, लेकिन इस प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की शिकायतें लंबे समय से आ रही हैं। विज का यह कदम भ्रष्टाचार की जड़ पर चोट माना जा रहा है। संकेत साफ हैं कि ATS शुरू होने के बाद MVI पद समाप्त किए जा सकते हैं और इन पदों पर कार्यरत अधिकारियों की तैनाती किसी अन्य विभागीय काम में की जा सकती है।
राज्य सरकार के इस निर्णय को ट्रांसपोर्ट सिस्टम में आमूलचूल बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जो न केवल पारदर्शिता लाएगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सड़क सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी सकारात्मक असर डालेगा।