हरियाणा के नूंह में हुए मीट फैक्टरी में नाइट्रोजन गैस के लीक की घटना ने बीती रात चौंकाया। इस दुर्घटना में 18 महिलाएं चपेट में आ गईं, जो फैक्ट्री में काम कर रही थीं। इन महिलाओं को आनन फानन में ही नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे के परिणामस्वरूप, कई महिलाओं की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस और प्रशासन ने घटना की जांच में शामिल हो लिया है।
यह हादसा नगीना के मांडीखेड़ा में स्थित मीट फैक्ट्री में हुआ है, जहां अल नवेद एग्रो फूड के कोल्ड स्टोर से गैस लीक हो गई। इसमें काम कर रही महिलाओं को बहुत समय तक गैस के संपर्क में रहने का सामना करना पड़ा। गैस लीक होने के बाद कुछ समय बाद, सभी महिलाएं बेहोशी की हालत में जमीन पर गिरने लगीं, जिससे एक भयानक हड्डकंप उत्पन्न हुआ। जब लोगों ने इस हादसे की सूचना पाई, तो उन्होंने तुरंत सभी महिलाओं को नागरिक अस्पताल मांडीखेड़ा पहुंचाया, जहां इन्हें मेडिकल ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। कई कामगार महिलाओं की हालत काम गंभीर बताई जा रही है, और उन्हें उपचार के लिए योग्य अस्पतालों में भर्ती किया गया है।
महिलाओं का तत्परता से किया जा रहा इलाज
क्षेत्र के लोगों के अनुसार, इस हादसे का मुख्य कारण लापरवाही है, जिससे यह घटना हुआ। प्रशासन ने इस मामले में त्वरित कदम उठाने का आदान-प्रदान किया है और विस्तृत जांच के लिए पुलिस को निर्देशित किया है। नूंह डॉ सर्वजीत कुमार, जो उप सिविल सर्जन हैं, ने बताया कि मांडीखेड़ा की मीट फैक्ट्री में गैस लीक होने के परिणामस्वरूप चपेट में आई महिलाओं का इलाज तत्परता से किया जा रहा है। 18 महिलाओं को अस्पताल में दाखिल कराया गया था और उन्हें सबसे अच्छे रूप में उपचार के लिए देखा जा रहा है।
अधिकारियों ने उपयुक्त कदम उठाने का लिया निर्णय
इस दुर्घटना ने स्थानीय समुदाय को गहरे शोक में डाल दिया है और लोग सरकार से इस मामले में सख्ती से कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। हादसे की जांच से जुड़े सभी पहलुओं को संज्ञान में लेते हुए, अधिकारियों ने उपयुक्त कदम उठाने का निर्णय किया है, ताकि इसके पुनरावृत्ति को रोका जा सके। इस दुखद घटना ने हमें यह याद दिलाया है कि सुरक्षा और उपायों के प्रति हमारी जिम्मेदारी में वृद्धि करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। लोगों को इस तरह के संकटों से बचाने के लिए सुरक्षा नियमों का पालन करना चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाएं और नहीं हों।