पलवल में बहीन थाना क्षेत्र में अपनी नाबालिग बेटी से 3 वर्ष तक रेप और गर्भवती करने के केस में कोर्ट ने लड़की के पिता को फांसी की सजा दी है। साथ ही उस पर 15 हजार रुपए का जुर्माना भी किया गया है। बाप-बेटी के रिश्ते को कलंकित करने वाले इस केस की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक) प्रशांत राणा की कोर्ट में चल रही थी। कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को आदेश दिए कि पीडित लड़की को साढ़े 7 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए। लड़की फिलहाल एनजीओ के पास है। उसने एक बच्चे को भी जन्म दिया था, जिसे जरूरतमंद को गोद दे दिया गया था।
जानकारी अनुसार पलवल में सरकारी वकील हरकेश कुमार ने बताया कि अक्टूबर-2020 में एक व्यक्ति ने अपनी ही सगी नाबालिग 17 वर्षीय बेटी के साथ 3 वर्ष तक रेप किया। इससे वह जब गर्भवती हो गई तो मामले का खुलासा हुआ। महिला थाना पुलिस ने लड़की के पिता के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसको गिरफ्तार किया था। नाबालिग के पेट में पल रहे बच्चे का डीएनए टेस्ट कराया तो वह उसके पिता से मिल गया था। उसी समय से यह मामला कोर्ट में चल रहा था। लड़की की तरफ से सरकारी वकील ने दलील में कहा कि पिता की दरिंदगी को देखते हुए उसे फांसी की सजा दी जानी चाहिए। फास्ट ट्रैक कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रशांत राणा ने लड़की के पिता को फांसी व 15 हजार जुर्माने की सजा सुनाई।
3 वर्ष से उसके साथ किया लगातार रेप
पलवल के महिला थाना में एक 17 वर्षीय लड़की ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी मां की 4 वर्ष पहले मौत हो चुकी है। मां की मौत के एक साल बाद उसका पिता उसके साथ छेडछाड़ करने लगा। इसके बाद 3 वर्ष से उसके साथ लगातार रेप किया। जिससे वह गर्भवती हो गई। शिकायत के वक्त वह 4 महीने की गर्भवती थी। विरोध करने पर पिता उसे जान से मारने की धमकी देता था।
बच्ची को जन्म के बाद जरूरतमंद ने लिया गोद
पिता की ज्यादती का शिकार हुई नाबालिग लड़की को पुलिस ने एनजीओ को सौंप दिया था। एनजीओ ने नाबालिग का लालन-पालन किया और उसने एनजीओ की देखरेख में ही एक बच्ची को जन्म दिया। बच्ची को जन्म के तुरंत बाद किसी जरूरतमंद को गोद दे दिया गया था, लड़की आज भी एनजीओ के पास है।