आशा वर्कर्स की मांगो पर मुख्यमंत्री हरियाणा की अध्यक्षता में हुई बैठक में मांगों पर सहमति बनी। यूनियन ने 73 दिन से जारी हड़ताल वापस लेने का फैसला लिया है। 20 अक्टूबर को सभी आशा वर्कर्स जिला मुख्यालयों पर सभाएं करके अपनी ड्यूटी ज्वाइन करेंगी।
बता दें कि आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा (सीटू) के आह्वान पर प्रदेश की 20,000 आशा वर्कर्स अपनी मांगों को लेकर 73 दिन से हड़ताल पर थी। अधिकारियों के साथ कई दौर की वार्ता के बाद आज मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में मांगों पर वार्ता थी। वार्ता में उनके साथ मुख्य प्रधान सचिव आर के खुल्लर, स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुपमा, एनएचएम के निदेशक राज नारायण कौशिक, आशा कॉर्डिनेटर चांद सिंह मदान आदि अधिकारी शामिल थे। वहीं यूनियन के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अध्यक्ष सुरेखा, महासचिव सुनीता ने किया। जिसमें राज्य नेता प्रवेश, रानी, अनीता, कमलेश, मीरा, सुधा, सुदेश, नीलम व सीटू प्रदेश महासचिव जय भगवान शामिल रहे।

मानदेय में 2100 की बढ़ोतरी
सरकार ने आशा वर्कर्स के मानदेय में 2100 रूपये की बढ़ोतरी की है। अभी तक राज्य में आशा वर्कर्स को फिक्स मानदेय 4000 रूपये मिलता था, जो बढ़कर 6100 रूपये हो गया है। इसी प्रकार आशा वर्कर्स को रिटायरमेंट लाभ के रूप में 2 लाख रुपए मिलेगा। प्रोत्शाहन राशियों में 1500 रूपये की बढ़ोतरी का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है, उसे दिसंबर तक अप्रूव करवाने के लिए मुख्यमंत्री व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करेंगे।
मानदेय में बढ़ोतरी काम व महंगाई के हिसाब से कम : यूनियन
चिरायु योजना के तहत आशा वर्कर्स को कवर किया जाएगा। हड़ताल के दौरान के फिक्स मानदेय को भी जारी करने का निर्णय हुआ। यमुनानगर की आशा वर्कर्स पारुल के आश्रितों को मुआवजा मिलेगा। यूनियन नेताओं ने कहा कि मानदेय में बढ़ोतरी काम व महंगाई के हिसाब से कम है। हम इससे संतुष्ट नहीं हैं, लेकिन इसके बावजूद हम हड़ताल वापस ले रहे हैं। सभी वर्कर्स कल जिलों पर सभाओं में आएंगी और ड्यूटी ज्वाइन करेंगी। 30 अक्टूबर को दिल्ली में आशा वर्कर्स की राष्ट्रीय रैली में हरियाणा की आशा वर्कर्स बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगी।