हरियाणा में पराली से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। यह विशेषकर दिल्ली और हरियाणा के जिलों में प्रदूषण को कम करने के लिए कठोर उपायों की जरूरत है। सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है और उन्हें फाइरिंग और धन जुर्माना भरने का निर्देश दिया है।
इसके अलावा, अब तक 44 जगहों पर फायर ब्रिगेड भेजकर पराली की आग को बुझाया गया है। 72 किसानों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है और 32.55 लाख रुपए का जुर्माना वसूला गया है। सरकार का दावा है कि पिछले दो वर्षों में पराली जलाने में 57 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। सरकार ने दिल्ली और हरियाणा में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कई और कदम भी उठाए हैं। इसके तहत, गुरुग्राम और फरीदाबाद जिलों में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों पर 30 नवंबर तक प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अलावा, 10 लाख वाहनों पर कलर-कोडिंग की प्रक्रिया पूरी की गई है, जिससे वाहनों को प्रदूषण नियंत्रण नियमों का पालन करने में मदद मिलेगी।
पराली को भूसे के लिए आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद करेंगे
इसके साथ ही, सरकार ने पराली प्रबंधन योजनाओं के लिए 600 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की है। यह उपकरण बायोमास-आधारित परियोजनाओं के लिए पराली को भूसे के लिए आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद करेंगे और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देंगे। इन सभी कदमों का उद्देश्य हरियाणा में प्रदूषण को कम करना है और स्थानीय किसानों को उनके कृषि प्रथाओं में नए और पर्यावरण को मित्रशील तकनीकों का उपयोग करने की प्रेरणा देनी है।