महिला पहलवानों से यौन शोषण के आरोपों में फंसे भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर बढ़ते आरोपों के बाद, अंतर्राष्ट्रीय पहलवान विनेश फोगाट ने एक बार फिर उन पर हमला किया है। बृजभूषण ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि कोई घटना नहीं हुई है और किसी के पास कोई सबूत नहीं है। हालांकि विनेश फोगाट ने मंगलवार को उनके जवाब में लिखा कि महिला पहलवानों को न्याय नहीं मिला है और उन्होंने उन पर तंज कसते हुए कहा कि उनके जैसे अत्याचारी के दिन जल्दी ही आएंगे।
विनेश फोगाट ने उनके जवाब में लिखा महिला पहलवानों को न्याय नहीं मिला है, लेकिन तुम चिंता मत करो, तुम्हारे जैसे अत्याचारी के दिन भी एक दिन जरूर लदेंगे। अभी तो सरकार के संरक्षण में कुश्ती पर कब्जा किए बैठे हो। पीड़ित महिला पहलवानों को आंखें दिखा रहे हो। यकीन मानना महिला पहलवान तुम्हारा हिसाब जरूर करेंगी। हम महिला पहलवान महिलाओं के रेडिकल आंदोलन से भी बहुत कुछ सीख रही हैं, तुम्हारा हिसाब जरूर करेंगी।
इसके बाद, पहलवान बजरंग पुनिया ने भी बृजभूषण शरण सिंह की ओर से किए गए आरोपों पर अपनी राय दी। उन्होंने कहा, “तुम्हारे कारनामे काले अक्षरों में लिखे जाएंगे। महिला पहलवानों का शोषण करने वाला दूसरों को शीशा दिखा रहा है। अगर बृजभूषण सत्ताधारी पार्टी का सांसद न होता तो इसकी सारी पोल-पट्टी खुल चुकी होती। सत्ता के संरक्षण में कुश्ती पर कब्जा कर जो कुछ तुमने किया है, वह भारत के खेल इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा।
न्याय दिलाने पहुंच गईं जंतर-मंतर तक
इसके बाद बृजभूषण शरण सिंह ने भी अपने जवाब में लिखा कि महिला पहलवानों को न्याय मिला है और घटना झूठी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्वीट करते हुए कहा कोई घटना घटी नहीं, किसी के पास कोई सबूत नहीं, आरोप लगाने वाले खिलाड़ियों ने सुबह कुछ कहा, शाम को कुछ। आरोप झूठे हैं ये जानते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट और प्रियंका महिलाओं को न्याय दिलाने जंतर-मंतर तक पहुंच गईं।
महिला लीडरशिप का मौन होना दुर्भाग्य पूर्ण
न्याय के लिए उनके आने का कोई विरोध नहीं है। महिला पहलवानों को न्याय मिला भी, लेकिन राजस्थान की महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री, सोनिया, प्रियंका, कांग्रेस की महिला लीडरशिप का मौन होना दुर्भाग्य पूर्ण है। राजस्थान में रोज दर्जनों बलात्कार की घटना हो रही हैं। न्याय के लिए राजस्थानी महिलाएं ठोकरें खा रहीं हैं। इन घटनाओं के पक्के सबूत हैं। इसलिए पूछता हूं, प्रियंका बताओ चुप क्यों हैं। सोनिया बोलो आपकी जुबान पर ताला क्यों लगा है। गहलोत साहब बताओ अपने घर की महिलाओं को न्याय कब दोगे। पायलट साहब बताओ घर की महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए अब आपके खून में उबाल क्यों नहीं आ रहा। हरियाणा को न्याय दिलाने वालो बताओ राजस्थान को न्याय कब दिलाओगे, धरने पर कब बैठोगे।
न्याय मिलने में कई बाधाएं
इस घड़ी चल रहे विवाद में, महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण के आरोप लगाने के बाद भी न्याय मिलने में कई बाधाएं हैं। इसके अलावा, राजस्थान सरकार की दिशा-निर्देशों पर उठे सवाल और बीजेपी नेताओं की आलोचना से यह विवाद और भी गहरा हो गया है। इस मुद्दे पर आगे क्या होता है, यह देखने के लिए समय ही बताएगा।