जिले के समालखा कस्बे में स्थित डीपीएस सिटी स्कूल से किए गए 16 शिक्षकों के टर्मिनेशन के खिलाफ कोर्ट द्वारा आदेश जारी किए गए हैं। कोर्ट ने शिक्षकों के पक्ष में निर्देश दिए हैं, और उन्हें उनकी सैलरी, पीएफ और टर्मिनेशन के दौरान की वेतन को भी देने का आदेश जारी किया है। इसके साथ ही शिक्षकों को स्कूल में दोबारा जॉइन करने की अनुमति भी दी गई है।
मामला दिखता है कि टर्मिनेशन के दौरान शिक्षकों के साथ सवालिया व्यवहार किया गया था और स्कूल द्वारा शिक्षकों को उनकी वेतन नहीं दी गई थी। इसके परिणामस्वरूप शिक्षकों ने कोर्ट की मदद ली और कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला दिया है इसके आलावा शिक्षकों के परिवार भी इन अध्यापकों की सैलरी पर निर्भर थे और टर्मिनेशन के बाद उनके जीवन की आजीविका पर बुरा असर पड़ा। कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षकों को उनके हकों की पूर्ति होने की उम्मीद है और यह समाचार उनके लिए एक सफलता हो सकता है।
बड़ी बात यह भी थी कि इन अध्यापकों की मार्च 2020 के बाद से स्कूल ने सैलरी भी नहीं दी थी। स्कूल ने इसके पीछे का कारण कोरोना काल बताया था। टीचर्स को कहा था कि उन्हें जल्द सैलरी दे दी जाएगी, लेकिन बिना वेतन के उनसे लगातार काम करवाया गया।
अचानक दिया था झटका, पटरी से उतर गई थी गाड़ी
कोर्ट से राहत मिले शिक्षकों ने बताया कि स्कूल ने अचानक ही उन्हें टर्मिनेशन का झटका दे दिया था। निकाले गए शिक्षकों में 6 मेल टीचर्स और 8 महिला शिक्षक हैं। इनमें से अधिकांश टीचर्स ऐसे हैं, जिनका परिवार सिर्फ इन्हीं के वेतन पर निर्भर था। कई शिक्षक रिटायरमेंट के करीब थे। अचानक इस झटके से उनके जीवन की आजीविका की गाड़ी पटरी से उतर गई थी। इसके बाद शिक्षकों ने केंद्र से लेकर राज्य के सभी हायर अथॉरिटी तक अपील की थी, लेकिन कहीं से कोई संतोषजनक कार्रवाई न होते देख शिक्षकों ने कोर्ट की शरण ली थी।