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Panipat : सड़क को लेकर समाजसेवियों का धरने का मामला, पूर्व मेयर ने फोन पर दिया आश्वासन, दशहरे बाद शुरू नहीं हुआ काम, तो मैं भी साथ दूंगा धरना

पानीपत हरियाणा

(आशु ठाकुर) : शहर की जनता द्वारा नगर-निगम कार्यालय के बाहर कितना भी प्रदर्शन कर लिया जाए, लेकिन निगम अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। जिसका खामियाजा भी धरने-प्रदर्शन पर बैठने वाली जनता को ही भुगतना पड़ता है। बता दें कि मंगलवार से सनौली रोड-गंगापुरी रोड की सड़क के टुकड़े को लेकर शुरू हुए समाजसेवियों के धरने को बुधवार शाम को पूर्व मेयर स. भूपेंद्र सिंह के आश्वासन के बाद स्थगित कर दिया गया है।

पूर्व मेयर स. भूपेंद्र सिंह ने समाजसेवी हिमांशु शर्मा एवं उनके समर्थकों को आश्वासन दिया कि सड़क पर काम के वर्कआर्डर हो चुके है, जिसकी कॉपी मेरे पास है और दशहरे का पर्व होते ही सड़क पर कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। यदि नगर-निगम द्वारा काम को शुरू नहीं करवाया जाता है, तो समाजसेवियों के साथ मिलकर मैं भी धरना दूंगा, क्योंकि एक माह के बाद इन्हीं सड़कों से नगर-कीर्तन भी निकलना है, तब भी लोगों द्वारा शिकायत की जाएगी, इसलिए हमारा प्रयास दशहरे से पहले भी समाधान कर रहेगा, ताकि हनुमान स्वरूपों को कोई कष्ट न हो और दशहरे के बाद सडक का काम करवाकर नगर कीर्तन को भी ठीक प्रकार से निकलवाया जाएगा।

शहर में आए दिन चर्चाओं में रहने वाले नगर-निगम द्वारा शहर की समस्याओं पर कोई गौर नहीं दिया जा रहा है। ऐसा हम नहीं शहर की जनता स्वयं बयां कर रही है। जिसका मानना है कि नेताओं के कहने पर अथवा अपनी मनमर्जी से नगर-निगम के अधिकारी कहीं पर भी लाखों रूपयें की राशि खर्च कर सकते है, लेकिन जब बात समस्या को हल करवाने की आती है, तो सभी के द्वारा चुप्पी साध ली जाती है।

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ऐसा ही कुछ मंगलवार को शहर के देवीलाल कॉम्पलैक्स स्थित नगर-निगम कार्यालय के बाहर उस समय देखने को मिला, जब शहर के समाजसेवियों द्वारा अपना धरना शुरू किया गया। इस दौरान समाजसेवी एवं युवा भाजपा नेता हिमांशु शर्मा ने कहा कि हमें नगर-निगम अधिकारियों को जगाने के लिए धरने पर निगम परिसर के बाहर बैठना पड़ रहा है, क्योंकि हमारे द्वारा 4 बार नगर-निगम अधिकारियों से 100 मीटर सड़क के टुकड़े को ठीक करने की गुहार लगाई गई थी, लेकिन उस पर आज तक कोई सुनवाई नहीं की गई। जिसके कारण जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और हनुमान स्वरूपों को भी नंगे पांव उन्हीं गड्ढों व रोड़ी कंक्कड़ वाली सड़क से गुजरना पड़ेगा।

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सनौली रोड, गंगापुरी रोड पर सड़क की इतनी बुरी हालत है कि कोई पैदल जूतों में भी ठीक से नहीं चल पाता, ऐसे में नंगे पांव हनुमान स्वरूपों को क्या तकलीफ सहनी पड़ेगी, इसका अधिकारियों को अंदाजा नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि श्रीराम की व्यवस्था के लिए नगर-निगम में बजट नहीं है। इस संबंध में नगर-निगम आयुक्त राहुल नरवाल व नगर-निगम मेयर अवनीत कौर से फोन पर सम्पर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

कालोनी वासियों को करेंगे अस्थमा की बीमारी

हिमांशु शर्मा ने कहा कि हनुमान स्वरूपों एवं दशहरे के पर्व को लेकर ये कहा गया था कि गंगापुरी रोड पर मिट्टी डलवाकर उस पर ग्रीन कारपेट बिछवा दिया जाएगा। जब दशहरे के बाद उस ग्रीन कारपेट को उठा दिया जाएगा, तब वो मिट्टी कालोनी वासियों के खाने में जाएगी और वहां से आने-जाने वाले लोगों को भी अस्थमा की बीमारी हो सकती है, उस पर ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा है।

11:30 बजे तक अधिकारी नहीं पहुंचे कार्यालय

उन्होंने बताया कि हमने अपनी शिकायत देने का प्रयास 4 बार किया है। जिसमें सुबह साढ़े 11 बजे तक नगर-निगम के किसी भी कार्यालय में अधिकारी मौजूद नहीं रहते। जिसके कारण काम के लिए आई जनता को निराश होकर लौटना पड़ता है, जबकि सीएम की ओर से प्रदेश के सभी जिलों में 10 से 1 बजे तक अधिकारियों के सीटों पर उपलब्ध होने के निर्देश दिए हुए है। जिसे देखकर साफ तौर पर कहा जा सकता है कि अधिकारियों को सरकार की भी नहीं पड़ी है।

शहर में जगह-जगह लगा दिए बोर्ड

समाजसेवी सुरेश नारंग ने कहा कि शहर में धार्मिक कार्यों के लिए समस्याओं को दूर करने हेतु नगर-निगम के पास बजट मौजूद नहीं है, जबकि नगर-निगम की ओर से शहर के हर कोने पर नेताओं के स्टील के बोर्ड लगा दिए गए है। जिस पर नगर-निगम की ओर से करीब 60 लाख रूपये की राशि खर्च की गई है। जिन जगहों पर पहले लोहे के बोर्ड लगे हुए थे, उन बोर्ड के साथ भी एक स्टील का बोर्ड लगाकर सरकार को चूना लगाया गया।

इससे अच्छा रोड को कर दो बंद

सनौली रोड प्रधान सुनील चावला ने कहा कि हमारे द्वारा 100 मीटर के सड़क के टुकडे को ठीक करवाने की मांग रखी गई थी, जिस पर आज तक कोई सुनवाई नहीं की गई। जबकि दशहरे का पर्व बेहद नजदीक आ चुका है। कांवड़ के दिनों में भी संस्थाओं की कोई सुनवाई नहीं की गई थी और आज भी मनमानी की जा रही है। इससे अच्छा नगर-निगम को वो रोड बंद कर देना चाहिए, ताकि लोग उस रोड से गुजर कर परेशान न हो।

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