हरियाणा-पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। प्रदर्शन के बारे में तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने अंबाला के एसपी जश्नदीप सिंह रंधावा को एक पत्र लिखा है। उन्होंने किसानों के पासपोर्ट और वीजा रद्द करने की कार्रवाई को लेकर 5 दिनों में जानकारी मांगी है।
बता दें कि साकेत गोखले ने लिखा कि 2 दिन पहले अंबाला के डीएसपी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि हरियाणा पुलिस प्रदर्शनकारी किसानों के पासपोर्ट और वीजा रद्द करने के लिए कदम उठा रही है। यह हास्यास्पद है, क्योंकि कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जो पुलिस को उचित प्रक्रिया के बिना मनमाने ढंग से पासपोर्ट रद्द/जब्त करने की अनुमति देता हो।

इसके अलावा पुलिस के पास विदेश मंत्रालय को नजरअंदाज करने और विदेशी दूतावासों को वीजा रद्द करने के लिए लिखने की कोई शक्ति नहीं है, खासकर तब जब वीजा देना भारतीय अधिकारियों के अधिकार में कोई मुद्दा नहीं है। मैंने अंबाला के एसपी को पत्र प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ की जा रही इस अवैध और मनमानी कार्रवाई पर अधिक जानकारी मांगी है।

उपद्रव मचा रहे लोगों पर कार्रवाई कर रही पुलिस
हरियाणा पुलिस हाल ही में सोच रही है कि जब किसानों की बात आती है, तो वे कानून और उचित प्रक्रिया से ऊपर हैं। अब समय आ गया है कि उन्हें जवाबदेह बनाया जाए। अंबाला के डीएसपी जोगिंदर शर्मा ने बताया कि पुलिस उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है, जो उपद्रव मचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी की भी प्रतिक्रिया इससे प्रभावित नहीं होगी क्योंकि पुलिस पासपोर्ट एक्ट के तहत कार्रवाई कर रही है।

कैमरे-ड्रोन से हो रही लोगों की पहचान
उन्होंने बताया कि पुलिस कैमरे और ड्रोन का उपयोग करके उन लोगों की पहचान कर रही है। फोटोग्राफियां उन्हें भारतीय एंबेसी में भेजी जा रही हैं, ताकि उनके पासपोर्ट और वीजा रद्द किए जा सकें। खनौरी बॉर्डर पर 21 फरवरी को शुभकरण सिंह की मौत के बाद, किसानों ने दिल्ली में आगे की कूच का फैसला 29 फरवरी तक स्थगित कर दिया था, लेकिन 29 फरवरी को भी कोई नई घोषणा नहीं की गई। अब किसान ने दिल्ली में आगे की कूच को शुभकरण के भोग के बाद ही लेने का फैसला किया है।
