● हरियाणा पुलिस ने 860 कुख्यात नशा तस्करों की सूची जारी की
● डीजीपी ओपी सिंह ने ‘लाइव ट्रैकर’ के जरिए पूरे नेटवर्क को खत्म करने की घोषणा की
● पुलिस को पीआईटी-एनडीपीएस, आर्थिक जांच और संपत्ति जब्ती जैसे सख्त निर्देश दिए गए
Haryana Police: हरियाणा पुलिस ने नशा तस्करी के खिलाफ अब तक की सबसे ठोस और योजनाबद्ध कार्रवाई शुरू कर दी है। एक दैनिक अखबार ने दावा किया है कि हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (HSNCB) ने उन 860 कुख्यात तस्करों की सूची तैयार की है, जिन पर पिछले 10 वर्षों में एनडीपीएस एक्ट के तहत तीन या अधिक मामले दर्ज हैं। इस सूची को सभी जिलों और फील्ड यूनिट्स के साथ साझा करते हुए डीजीपी ओपी सिंह ने पुलिस को तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
सूची में डीजीपी ने स्पष्ट किया कि यह सूची केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि एक ‘लाइव ट्रैकर’ है, जिसे लगातार अपडेट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब केवल गिरफ्तारी पर नहीं, बल्कि पूरे नशा तस्करी नेटवर्क को खत्म करने पर ध्यान दिया जा रहा है। पुलिस की इस सूची में तस्करों की स्थिति का पूरा ब्यौरा दिया गया है—
● 860 तस्करों में से 730 जेल से बाहर हैं
● 381 अभी भी सक्रिय हैं
● 130 जेल में बंद हैं
● 468 को ‘निष्क्रिय’ की श्रेणी में रखा गया है
● 11 तस्करों की मृत्यु हो चुकी है
सबसे अधिक नशा तस्करों की पहचान सिरसा, फतेहाबाद और यमुनानगर में की गई है। अकेले सिरसा जिले में 117 तस्करों के नाम सूचीबद्ध हैं, जिनमें से 106 अभी भी जेल से बाहर हैं।
पुलिस को दिए गए सख्त निर्देश
डीजीपी ने पुलिस को विशेष रूप से निम्नलिखित पांच स्तरों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है—
- पीआईटी-एनडीपीएस (PIT-NDPS) के तहत निवारक गिरफ्तारी
- आर्थिक जांच और संपत्ति जब्ती
- इतिहास शीट खोलना और अपडेट करना
- जेल में बंद तस्करों से मिलने वालों की निगरानी
- केस से जुड़ी रिपोर्ट को ई-ट्रिब्यून पोर्टल पर तुरंत अपलोड करना
इसके अलावा, राज्य की साइबर फॉरेंसिक लैब को निर्देश दिया गया है कि वे पुलिस अधिकारियों को डिजिटल जांच में प्राथमिकता पर सहयोग दें, जिससे मोबाइल डेटा, इनक्रिप्टेड मैसेजिंग और वित्तीय लेन-देन की गहराई से जांच हो सके।
जनता से सहयोग की अपील
हरियाणा पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे नशा तस्करों से जुड़ी कोई भी जानकारी गोपनीय तरीके से साझा कर सकते हैं—
📞 1933 (24×7 ड्रग हेल्पलाइन)
📲 व्हाट्सएप नंबर: 90805-91805
🔗 मानस पोर्टल पर गुमनाम शिकायत दर्ज करने की सुविधा
डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि “अब यह भ्रम नहीं रहेगा कि ट्रायल में देरी, शेल कंपनियां या डिजिटल छुपाव इन तस्करों को बचा सकते हैं। हर कदम पर निगरानी होगी और इस नेटवर्क को जड़ से खत्म किया जाएगा।”