हरियाणा पुलिस ने मोनू मानेसर को गिरफ्तार कर लिया है। मोनू पर 31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा से पहले भड़काऊ वीडियो वायरल करने का केस है। वहीं नूंह पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गुरुग्राम पुलिस की मदद से मोनू को उसी के गांव मानेसर की मार्केट से पकड़ा गया। मोनू को गिरफ्तारी के बाद नूंह कोर्ट में पेश किया गया, जहां पुलिस ने उसका रिमांड मांगा, मगर कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भौंडसी जेल भेज दिया है।
मोनू मानेसर पर भिवानी में हुए राजस्थान के नासिर-जुनैद हत्याकांड में शामिल होने का आरोप है। इस केस में वह पिछले 8 महीने से फरार था। मोनू की गिरफ्तारी का पता चलते ही राजस्थान पुलिस भी कोर्ट पहुंच गई। मोनू को जेल छोड़ने पहले ही राजस्थान पुलिस को उसका ट्रांजिट रिमांड मिल गया। जिसके बाद हरियाणा पुलिस ने उसे राजस्थान पुलिस के हवाले कर दिया।
कोर्ट के जरिए मोनू की कस्टडी लेगी पुलिस
मोनू मानेसर की गिरफ्तारी को लेकर हरियाणा की एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ममता सिंह के मुताबिक 28 अगस्त को मोनू मानेसर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली थी। सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीम को ये भड़काऊ पोस्ट लगी और जांच में इसकी पुष्टि हुई। मामले में नूंह पुलिस ने मोनू मानेसर को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद जिन-जिन राज्यों में मोनू वांटेड है, उन राज्यों की पुलिस को भी जानकारी दी जाएगी और जरूरत के हिसाब से जिस राज्य की पुलिस चाहेगी कोर्ट के जरिए मोनू की कस्टडी लेगी।
गुरूग्राम एवं राजस्थान पुलिस को दी जानकारी
एडीजी ममता सिंह ने बताया कि जिन राज्यों में मोनू मानेसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज है, उन राज्यों को इसकी जानकारी दे दी गई है। गुरुग्राम पुलिस और राजस्थान पुलिस को इस बारे में जानकारी दी है। वहीं बताया जा रहा है कि मोनू के समर्थकों द्वारा मानेसर में सड़क को जाम कर दिया गया है। मानेसर में मोनू के पकड़े जाने को लेकर पंचायत का आयोजन किया जाना था, लेकिन समर्थकों ने एनएच को जाम कर दिया है। वही मोनू मानेसर की जारी हो रही वीडियों में मोनू ने कहा है कि मेरा नाम बीच में ऐसे ही घसीटा जा रहा है, मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। हम ऐसा काम करने की सोच भी नहीं सकते।
अभिषेक के परिजनों को सीएम ने दिया था आश्वासन
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर से मंगलवार को पानीपत में नूंह हिंसा में मारे गए अभिषेक के परिजनों को जहां एक ओर आरोपियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया, वहीं गुरुग्राम के सेक्टर-1 स्थित मार्केट से हिंसा भड़काने के आरोप में कथित गोरक्षक मोनू मानेसर को हिरासत में लिया गया है। सिविल ड्रेस में तीन गाड़ियों में पुलस की टीम मौके पर पहुंची और मोनू मानेसर को काबू कर लिया। जिसका एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है।
नासिर जुनैद की हत्या के बाद अंडरग्राउंड था मोनू
नूंह में बीते दिनों हुए हिंसा को लेकर पुलिस द्वारा जहां एक ओर पहले बिट्टू बजरंगी को पकड़ा था, वहीं अब मामले के आरोपी मोनू मानेसर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। बता दें कि हरियाणा स्थित नूंह में बीते दिनों हुए हिंसा के आरोपी मोनू मानेसर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। मोनू मानेसर नासिर जुनैद की हत्या के बाद अंडरग्राउंड था। जिसे अब राजस्थान पुलिस को सौंपने की तैयारी चल रही है।
फरवरी 2023 के एक केस में मुकदमा दर्ज
मोनू मानेसर को हरियाणा पुलिस के सीआईए स्टाफ की ओर से पकड़ा गया है। जिसे क्राइम इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी ने हिरासत में लिया है। मोनू मानेसर के खिलाफ हरियाणा में भी फरवरी 2023 के एक केस में मुकदमा दर्ज है। वहीं 16 फरवरी 2023 को हरियाणा के भिवानी में बोलेरो गाड़ी में दो जली हुई लाशें मिलीं थीं। जांच में पता चला था कि ये लाशें राजस्थान के भरतपुर जिले के घाटमिका गांव के जुनैद और नासिर की थी। हरियाणा के कई गो-रक्षकों पर उनकी हत्या का आरोप लगा था। इनमें सबसे चर्चित नाम मोनू मानेसर उर्फ मोहित यादव का था।
राजस्थान पुलिस भी हरियाणा पुलिस के संपर्क में
बताया जा रहा है कि मोनू मानेसर को बोलेरो और क्रेटा में आए पुलिसकर्मियों ने हिरासत में लिया। मानेसर को उस वक्त हिरासत में लिया गया, जब वो गुरूग्राम की सैक्टर एक मार्केट में जा रहा था। मानेसर को हरियाणा पुलिस के सीआईए स्टाफ ने गिरफ्तार किया है। दावा है कि राजस्थान पुलिस भी हरियाणा पुलिस के संपर्क में है।
फरवरी 2023 के एक केस में भी मामला दर्ज
मोनू मानेसर को हरियाणा पुलिस के सीआईए स्टाफ ने पकड़ा। क्राइम इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी ने हिरासत में लिया। मोनू मानेसर के खिलाफ हरियाणा में भी केस दर्ज है, फरवरी 2023 के एक केस में भी मामला दर्ज है।
मृतकों के परिजनों ने लगाए थे यह आरोप
मृतक जुनैद के चचेरे भाई इस्माइल ने आरोप लगाया था कि जुनैद और नासिर 14 फरवरी को उनके भाई की ससुराल गांव भोरूबास सिकरी गए थे। जब वह 15 फरवरी को वापस घर लौट रहे थे तो रास्ते में बजरंग दल वालों ने दोनों को बीच रास्ते में रोककर मारपीट की। जुनैद-नासिर को बोलेरो में जान बचाकर भागते देख आगे-पीछे से टक्कर मारी गई।
परिजनों का आरोप था कि मारपीट के बाद वह नासिर-जुनैद को पुलिस थाना फिरोजपुर झिरका ले गए, जहां जुनैद और नासिर को पुलिस को सौंपने की कोशिश की, लेकिन दोनों की ज्यादा पिटाई के चलते पुलिस ने दोनों को रखने से मना कर दिया था। आरोप है कि इसके बाद बजरंग दल के नेता मोनू मानेसर, रिंकू सैनी सहित 7 अन्य लोग नासिर और जुनैद को भिवानी ले गए। वहां उन्हें बोलेरो सहित जिंदा जला दिया गया। परिजनों को सोशल मीडिया पर खबर चलने के बाद मामले का पता चला था। इसके बाद गाड़ी के इंजन और चेसिस नंबर से जुनैद और नासिर की पहचान हुई थी।
दो समुदायों में बदल गई थी हिंसा
बता दें कि 31 जुलाई को हरियाणा के नूंह में निकाली गई ब्रजमंडल शोभायात्रा पर पथराव हुआ था। जो कि देखते ही देखते दो समुदायों में हिंसा में बदल गई। जिसमें सैंकड़ों कारों को आग लगाने के साथ-साथ साइबर थाने पर भी हमला किया गया। उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया था। नूंह के बाद सोहना में भी पथराव और फायरिंग हुई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। इसके बाद हिंसा की आग नूंह से फरीदाबाद-गुरुग्राम तक फैल गई। नूंह हिंसा में दो होमगार्ड समेत 6 लोगों की मौत हुई है।