सर्दी से पहले एक बार फिर हरियाणा के रेवाड़ी में आबोहवा प्रदूषण के कारण खराब होने लगी है। तमाम बंदिशों के बावजूद खुलेआम सड़कों पर ही कचरा जलाया जा रहा है। प्रदूषित हुई आबोहवा में अब सांस लेना भी मुश्किल हो चला है। सुबह के समय हल्की स्मॉग की चादर छा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि दिल और दमा के मरीजों को घर से बाहर निकलते समय सावधानी बरतने की आवश्यकता है। समय रहते नहीं जागे तो स्थिति को बद से बदतर होने में ज्यादा समय नहीं लगने वाला है।
रेवाड़ी के धारूहेड़ा और साथ लगते भिवाड़ी में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) खराब स्थिति में चल रहा है। शहर की बात करें तो पीएम 2.10 अधिकतम 400 के पार पहुंच गया है। वहीं अधिकतम 2.5 भी 350 के ऊपर बना हुआ है। हवा में नमी बढ़ने के साथ-साथ वाहनों से निकलने वाले धुएं और सड़कों पर उड़ने वाली धूल से स्थिति और ज्यादा बिगड़ रही है। इस स्थिति से निपटने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस प्लानिंग नजर नहीं आ रही है।
कचरे में आग लगना रोजाना की बात
राममेहर यादव ने कहा कि हमारा घर से निकला मुश्किल हो गया है। सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है। ये सब नगर परिषद की वजह से हो रहा है, क्योंकि यहां डंपिंग प्वॉइंट बनाया हुआ है। कचरे में आग लगना रोजाना की बात है। जिसकी वजह से प्रदूषण बढ़ रहा है। बढ़ते प्रदूषण के कारण नगर निकायों की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। निर्माण सामग्री बेचने वालों ने रोड़ी, बजरी आदि को खुले में डाला हुआ है। खुले में पड़ी निर्माण सामग्री को ढकवाकर रखने लिए संबंधित अधिकारियों द्वारा दुकानदारों को निर्देश नहीं दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त बड़ी तादाद में निर्माण कार्य चल रहे हैं। वहां जाकर भी कोई निर्देश नहीं दिए जा रहे हैं इसलिए जमकर धूल उड़ रही है।
शहर के मिनी बाइपास पर भी कचरे का ढे़र
प्रदूषण का एक अहम कारण कचरा जलाना भी है। लोग कचरा जलाने से परहेज नहीं कर रहे हैं। इसका अहम कारण यह है कि नगर परिषद ने कचरा जलाने वालों के खिलाफ सिर्फ एक दिन ही कार्रवाई की थी। इसके बाद से नपा अधिकारी अपने दफ्तर से बाहर ही नहीं निकले हैं। यहां तक कि सरकारी प्रतिष्ठानों के आसपास ही कचरे को आग के हवाले किया जा रहा है। शहर के मिनी बाइपास कहे जाने वाले नाले पर भी कूड़े के ढेर में आग लगाई जा रही है।
प्रशासन की पटाखों की बिक्री पर कहने को रोक
प्रदूषण नियंत्रण को लेकर जिलाधीश एवं डीसी राहुल हुड्डा ने जिले में पटाखों की बिक्री व इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। एक नवंबर 2023 से 31 जनवरी 2024 तक यह आदेश प्रभावी रहेंगे, लेकिन शहर में पहले ही पटाखों की बिक्री हो रही है। कहा गया है कि ग्रीन पटाखों को छोड़कर सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा। नियमों की पालना सुनिश्चित करवाने की जिम्मेदारी एसडीएम, थाना प्रभारी, नगर परिषद के अधिकारी, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी तथा तहसीलदार अपने-अपने कार्यक्षेत्र में एक-दूसरे से तालमेल करके इन आदेशों को सख्ती से लागू करवाएंगे।