रोहतक के दिल्ली बाइपास पर स्थित एक प्राइवेट अस्पताल को प्रशासन की टीम ने सील करने का प्रयास किया है। इसके दौरान अस्पताल के स्टाफ, डॉक्टर, और प्रशासन के बीच हंगामा हो गया है। प्रशासन का दावा है कि अस्पताल का भवन अवैध है और इसलिए उन्हें सील करने का निर्णय लिया गया है।
अस्पताल के स्टाफ और डॉक्टरों का कहना है कि यह सील करने का प्रयास राजनीतिक दखल के कारण किया जा रहा है और यह तत्परता से गलत है। उनका दावा है कि उन्होंने नियमों के अनुसार अस्पताल को लीज पर लिया है, लेकिन बिल्डिंग के मालिक उन्हें बिना किसी वजह के निकालने का दबाव बना रह रहा है। अस्पताल के मालिक डॉ. विकास ने भाजपा के पूर्व वित्त मंत्री पर आरोप लगाए हैं कि उनकी दखल के कारण गलत तरीके से उनके अस्पताल को सील किया जा रहा है। उनका आरोप है कि बिल्डिंग के मालिक अब अवैध रूप में किराए के अधिक पैसे की मांग कर रहे हैं, जबकि लीज डॉक्यूमेंट के अनुसार किराया समय पर दिया जा रहा है।
प्रशासन ने केवल चौथी मंजिल को ही सील करने का लिया निर्णय
डॉ. विकास ने बताया कि अस्पताल की चौथी बिल्डिंग को अवैध घोषित किया जा रहा है, जिसकी जांच के लिए मालिक से कहा गया था। हालांकि प्रशासन ने केवल चौथी मंजिल को ही सील करने का निर्णय लिया था, लेकिन अब पूरे अस्पताल को सील करने का प्रयास किया जा रहा है। अस्पताल में गंभीर मरीज भी भर्ती हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा इसके कोई भी दस्तावेज तक नहीं दिखाए जा रहे हैं।
अस्पताल सील करने की कार्रवाई
ड्यूटी मजिस्ट्रेट तहसीलदार मनोज ने बताया कि नगर निगम रोहतक द्वारा अस्पताल सील करने की कार्रवाई की गई है और इस पर कार्रवाई किए जा रहे हैं। सामग्री को देखते हुए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई गलती नहीं हो रही है और सील करने की कार्रवाई नियमों के अनुसार हो रही है। इसके बावजूद, यह पूरे प्रक्रिया में हंगामा पैदा कर रहा है और रोहतक के लोगों को परेशान कर रहा है।