Haryana के 1986 बैच के वरिष्ठ IAS अधिकारी संजीव कौशल घर बैठे ही रिटायर हो जाएंगे। उनकी रिटायरमेंट की वजह यह है कि उनकी जगह आईएएस टीवीएसएन प्रसाद को मुख्य सचिव बनाया गया।
कौशल 15 मार्च से 30 जुलाई 2024 तक छुट्टी पर रहे, लेकिन 31 जुलाई 2024 को राजपत्रित अवकाश होने के कारण वे मुख्य सचिव कार्यालय नहीं जा पाए। संजीव कौशल की रिटायरमेंट पर हरियाणा IAS अफसर एसोसिएशन ने एक डिनर कार्यक्रम आयोजित किया था, जिसे बारिश की संभावना को देखते हुए स्थगित कर दिया गया।
अफसरों के अभिभावक रहे कौशल
संजीव कौशल, जो पंजाब के होशियारपुर से हैं, को नियमों का पालन करने और प्रोटोकॉल का ध्यान रखने के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपनी सेवाओं के दौरान महत्वपूर्ण पदों पर काम किया, जिसमें डीपीआर, मुख्यमंत्री के डिप्टी प्रिंसिपल सेक्रेटरी और प्रिंसिपल सेक्रेटरी शामिल हैं। वे हरियाणा के मुख्य सचिव बने तो अफसरशाही उन्हें एक अभिभावक के रूप में देखती रही।
एंटी करप्शन ब्यूरो के खिलाफ खड़े हुए
जब एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने IAS अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई शुरू की, तो संजीव कौशल ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। वे सभी मुख्यमंत्रियों के विश्वासपात्र रहे, लेकिन अपनी सेवा के अंतिम दिनों में छुट्टी पर चले गए, जिससे उन्हें और अन्य अधिकारियों को निराशा हुई।
भारत सरकार में भी सेवाएं दीं
हंसमुख और मृदु स्वभाव के संजीव कौशल ने कनिष्ठ और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ टीम के रूप में काम करने की कला से सभी को प्रभावित किया। उन्होंने भारत सरकार की ओर से ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, चीन और बहरीन में औद्योगिक प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व किया है।
वे भारत सरकार में संयुक्त सचिव के अलावा दो राज्य सरकारों, बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और फरीदाबाद नगर निगम में महापौर और आयुक्त के पद पर काम कर चुके हैं।
गोल्ड मेडलिस्ट और परिवार की उपलब्धियां
संजीव कौशल ने गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी से बीएससी मेडिकल की और ऑनर्स मैथ में गोल्ड मेडल जीते। उन्होंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और इकोनॉमिक्स में मास्टर डिग्री भी प्राप्त की है। वे अपने परिवार के तीसरे सदस्य हैं जो चीफ सेक्रेटरी बने हैं। उनके बड़े भाई सर्वेश कौशल पंजाब के चीफ सेक्रेटरी रह चुके हैं, जबकि उनके ससुर बीआर ओझा और पिता स्वर्गीय बलदेव कौशल भी हरियाणा सरकार में प्रमुख पदों पर रह चुके हैं।