हरियाणा के जिला सोनीपत के गांव बड़वासनी के नजदीक शुक्रवार देर रात सीएलसी नहर के 150 फुट के कटाव से करीबन 130 एकड़ धान व हरे चारे की फसल जलमग्न हो गई है। साथ ही नहर का पानी सड़क और गोशाला में भी कई फुट भर चुका है। गोवंशों को दूसरी गोशाला में शिफ्ट किया गया है। सड़कें नहर के पानी से लबालब होने से तालाब में तब्दील हो गई हैं। बड़वासनी-चिटाना रोड सहित खेतों में पानी भर गया है। जिससे किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। सीएलसी नहर टूटने का मामला 5 माह में दूसरी बार हुआ है। वहीं अधिकारियों का आरोप है कि असामाजिक तत्वों द्वारा नहर को तोड़ा गया है। मामले की जल्द जांच करवाई जाएगी।
सोनीपत के गांव बड़वासनी के नजदीक सीएलसी नहर में करीबन 150 फुट का कटाव होने से आसपास के क्षेत्र में हड़कंप मच गया। देर रात कटाव के चलते आसपास क्षेत्र की खेती, सड़कें और गोशाला सब जलमग्न हो गए हैं। सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मानें तो 150 फुट चौड़े एरिया से भूमि का कटाव होने से सीएलसी नहर का पानी क्षेत्र के चारों तरफ फैल गया है। साथ ही अधिकारियों ने असामाजिक तत्वों पर नहर को तोड़ने का आरोप लगाया है। उधर नहर टूटने से सड़क मार्ग प्रभावित हुआ है। आने-जाने वाले वाहनों को गोहाना बाइपास पर ही रोककर रूट डायवर्ट कर आगे भेजा जा रहा है। साथ ही खूबडू हेड से पानी का जलस्तर कम करवाया गया है। बड़वासनी-चिटाना रोड सहित आसपास लगते किसानों के खेत डूब गए हैं। किसानों की खड़ी कई एकड़ फसल को भारी नुकसान हुआ। गोशाला में पानी भरने से गोवंशों को दूसरी गोशाला में स्थानांतरित किया गया है।

नहर की नहीं हो रही सफाई, अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप
ग्रामीणों का आरोप है कि सीएलसी नहर जगह-जगह से जर्जर हो चुकी है। जिसकी कोई सुध नहीं ली जा रही है। काफी समय से नहर की सफाई नहीं करवाई गई है। अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। अधिकारी मामले में लापरवाही बरत रहे हैं। बड़वासनी के पास 5 बार में सीएलसी नहर टूटने की दूसरी वारदात सामने आ चुकी है। जिससे किसानों को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। किसानों के खेतों में धान और हरे चारे की उगाई गई फसलें खत्म हो चुकी हैं।
पहले नष्ट हुई फसलों का अब तक नहीं मिला मुआवजा, फिर हुआ आर्थिक नुकसान
ग्रामीणों का आरोप है कि करीब 5 माह पहले भी सीएलसी नहर के टूटने से किसानों की फसलें जलमग्न हो गई थी। जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा। प्रशासन की ओर से किसानों को मुआवजा देने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन आज तक किसान पहले वाला मुआवजा लेने के लिए भटक रहे हैं। अब सीएलसी नहर दोबारा टूटने से उन्हें फिर से आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा। साथ ही उनकी मेहनत भी खेतों में पानी भरने से खराब हो गई है।

नहर टूटने से कई मार्गों का आवागमन हुआ प्रभावित
सोनीपत में गांव बड़वासनी के पास सीएलसी नहर टूटने से कई मार्गों का आवागमन प्रभावित हो गया है। इनमें गांव चिटाना, किलोहड़द सहित गांवों के ग्रामीणों का इन्हीं मार्गों से आवागमन है। नहर टूटने से आवागमन प्रभावित हो गया है। सड़कों पर पानी भरने से प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी किया गया है। बड़वासनी गांव की तरफ से जाने के रास्ते को कुछ समय के लिए बंद कर रूट डायवर्ट किया गया है।
अधिकारियों ने जल्द रिपोर्ट तैयार करने का किया दावा
प्रशासनिक व सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया है। इस दौरान अधिकारियों ने दावा करते हुए कहा कि फसलों के जलमग्न होने की जल्द रिपोर्ट तैयार की जाएगी। फिलहाल गांव खुबडुू हेड से पानी के जलस्तर को कम किया गया है। प्रशासन की ओर से एक-दो दिन में नहर के टूटे हिस्से का दोबारा निर्माण करवा दिया जाएगा। अधिकारियों का यह भी आरोप है कि नहर को असामाजिक तत्वों द्वारा तोड़ा गया है।
वहीं करीब 5 माह पहले 13 जून को भी सीएलसी नहर का हिस्सा टूट गया था। करीब 100 फुट का कटाव होने से बड़वासनी गांव सहित कई गांवों के खेतों में पानी भरने से फसलें जलमग्न हो गई थी। साथ ही गोशाला और सड़कों पर भी पानी भर गया था।