सोनीपत : सोनीपत की पुरानी और नामचीन फैक्ट्री एटलस एक बार फिर चर्चा में है और नगर निगम का प्रॉपर्टी टैक्स एक करोड़ 17 लाख रुपए एटलस फैक्ट्री पर बकाया है। नगर निगम के अधिकारी राजेंद्र सिंह ने टीम के साथ मिलकर एटलस फैक्ट्री के प्रत्येक दरवाजे को सील कर दिया है।
बता दें कि सोनीपत में एटलस फैक्ट्री एक बार फिर चर्चा में है। जहां नगर निगम द्वारा पिछले दिनों एटलस फैक्ट्री द्वारा टैक्स आधार न करने के एवज में कंपनी को सील कर दिया गया था। एटलस फैक्ट्री पर नगर निगम का प्रॉपर्टी टैक्सी लगातार बढ़ता जा रहा है। मौजूदा समय में नगर निगम एक करोड़ 17 लाख रुपए बकाया है। वही प्रॉपर्टी टैक्स अदा न करने की सूरत में नगर निगम द्वारा एटलस फैक्ट्री को सील किया गया था। वही नगर निगम के अधिकारी राजेंद्र सिंह चुघ बताया कि फैक्ट्री को पहले सील किया गया था, लेकिन उन्हें सूचना मिल रही थी कि फैक्ट्री से चोरी छुपे सामान को बाहर निकाला जा रहा है।

बदलते समय ने बदली साइकिल की डिमांड
एक बार फिर फैक्ट्री में जाकर प्रत्येक दरवाजे को दोबारा से सील किया गया है, ताकि फैक्ट्री से कोई भी सामान बाहर ना निकल सके। आपको बता दें कि एक दौर होता था जब वह एटलस साइकिल की बाजार में बड़ी डिमांड थी, लेकिन बदलते हुए समय ने साइकिल की डिमांड को काम किया तो धीरे-धीरे फैक्ट्री बंद हो गई और हालात यह पैदा हुए कि नगर निगम के प्रॉपर्टी टैक्स से को भी अदा करने में फैक्ट्री संचालक असमर्थ हो गए। जिसके चलते नगर निगम द्वारा नामचीन एटलस फैक्ट्री को सील किया गया। हालांकि नगर निगम का प्रॉपर्टी टैक्स लगातार बढ़ता जा रहा है। अधिकारी का यह भी कहना है कि फैक्ट्री संचालक द्वारा जब तक प्रॉपर्टी टैक्स नहीं अदा किया जाएगा, तब तक फैक्ट्री सील रहेगी।

टिन शेड में साइकिल की गद्दी बनाने से हुई थी शुरूआत
जानकारी के मुताबिक 1951 में जानकी दास कपूर ने एटलस साइकिल कंपनी की शुरुआत एक टिन शेड में साइकिल की गद्दी बनाने से की थी। उन्होंने एक ऐसी साइकिल बनाने का सपना देखा, जो लोगों के बजट में आ सके। इस तरह एटलस साइकिल इंडस्ट्रीज की नींव पड़ी। 1952 में कंपनी ने पहली साइकिल तैयार की। इसी साल फैक्ट्री का विस्तार हुआ और 25 एकड़ में काम होने लगा। पहले साल 12000 साइकिल तैयार हुई और इस तरह एटलस की गाड़ी चल निकली, लेकिन अब एटलस साइकिल फैक्ट्री गर्त में जा चुकी है।

