हरियाणा राज्य सूचना आयोग ने गांव सनोली खुर्द के पूर्व सरपंच प्रदीप कुमार पर कड़ी कार्रवाई की है। आयोग ने प्रदीप को आरटीआई का जवाब नहीं देने पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है और इसके साथ ही गांव सनोली के बीडीपीओ (ब्लॉक विकास और पंचायत अधिकारी) को जुर्माना राशि जमा करने के लिए निर्देश दिए हैं।
आयोग ने रिपोर्ट की, कि मुख्य गवाह महेंद्र चावला ने सनोली खुर्द गांव की पंचायत से 2020 में सूचना मांगी थी, लेकिन पूर्व सरपंच प्रदीप कुमार शर्मा ने उसको जवाब नहीं दिया। जिसके बाद भी उसने कोई जवाब नहीं दिया और न ही किसी तरह का स्थिति बनाई। महेंद्र चावला ने पहली अपील की, फिर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। उसके बावजूद भी पूर्व सरपंच ने किसी भी तरह का जवाब नहीं दिया और न ही आयोग के सामने पेश हुआ। इस अनैतिकता के चलते सूचना आयोग ने प्रदीप कुमार शर्मा पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। साथ ही गांव सनोली के बीडीपीओ (ब्लॉक विकास और पंचायत अधिकारी) को भी सूचना आयोग ने एक माह के अंदर जुर्माना राशि जमा करने के निर्देश दिए हैं। यह सख्ती उनके जवाब की अनियतता और जवाब देने में देरी के कारण की गई है।
अपील पर भी नहीं मिला जवाब : चावला
महेंद्र चावला ने कहा कि यह मामला 2020 का है और उन्होंने सूचना प्राप्त करने के लिए आरटीआई आवेदन किया था। उन्होंने प्रथम अपील की, फिर भी कोई जवाब नहीं मिला। जिसके बाद भी कोई सूचना नहीं दी गई और न ही किसी तरह का जवाब दिया गया। हरियाणा राज्य सूचना आयोग ने मामले को सीधे तौर पर देखा और सुनवाई में महेंद्र चावला के पक्ष में निर्णय लिया। यह निर्णय साल 2023 में हुआ। जिसमें प्रदीप कुमार शर्मा पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया।
पूर्व सरपंच ने नोटिसों को भी किया नजर अंदाज
गांव सनोली खुर्द के पूर्व सरपंच पर लगे जुर्माने का कारण यह रहा कि उन्होंने सूचना न देने के कारण आयोग के सामने बार-बार पेश नहीं होने का नोटिस भी नजरअंदाज किया था। आयोग ने उन्हें कई मौकों पर जवाब देने के लिए नोटिस भेजे, लेकिन प्रदीप शर्मा ने किसी भी मौके पर जवाब देने से इंकार किया। सूचना आयोग की सख्ती ने स्पष्ट किया कि सरकारी अधिकारियों को नागरिकों के सवालों का जवाब देना उनका कर्तव्य है और इसे लापरवाही से नहीं निभाया जा सकता।