➤लेडी टीचर मनीषा की हत्या, शव सिंघानी गांव में मिला था
➤परिजनों ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव लेने से किया इनकार
➤पुलिस की 6 टीमें जांच में, अगवा और दूसरी जगह हत्या की आशंका
हरियाणा के भिवानी में लेडी टीचर मनीषा की हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। हत्यारों की गिरफ्तारी अभी तक न होने से नाराज परिजन सिविल अस्पताल में डटे हुए हैं। मनीषा के मामा कुलदीप और पिता संजय सहित बड़ी संख्या में लोग अस्पताल में मौजूद हैं और पोस्टमॉर्टम के बाद शव लेने से साफ इनकार कर चुके हैं। उनका कहना है कि जब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, वे शव नहीं लेंगे और किसी भी वक्त सड़क जाम कर सकते हैं। एहतियातन सिटी और लोहारू थानों की पुलिस मौके पर तैनात है, जबकि सिटी थाना SHO सत्यनारायण परिजनों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं। मौके पर पहुंचे भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह ने भी लोगों से मुलाकात कर शांत रहने की अपील की।
पुलिस जांच में अब तक यह सामने आया है कि मनीषा को पहले अगवा कर कहीं रखा गया और फिर उसकी हत्या कर शव को गांव सिंघानी के खेतों में नहर के पास फेंका गया। उसका मोबाइल फोन अब तक बरामद नहीं हुआ है। मनीषा ने आखिरी कॉल 11 अगस्त को अपने पिता को किया था, जिसमें कहा था कि वह देर से आएगी।
लोहारू थाने के SHO अशोक के अनुसार, मनीषा को आखिरी बार खरकड़ी रोड की ओर जाते हुए देखा गया था, जो उसके प्ले स्कूल और नर्सिंग कॉलेज का रास्ता है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि वह नर्सिंग कॉलेज पहुंची थी या नहीं। पुलिस CCTV फुटेज खंगाल रही है।
घटनाक्रम:
11 अगस्त को मनीषा अपने प्ले स्कूल से घर लौटने के बजाय नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन के लिए जाने की बात कहकर निकली थी। यह कॉलेज उसके स्कूल से डेढ़ किलोमीटर दूर है। देर शाम तक वह घर नहीं लौटी तो परिजनों ने फोन किया, लेकिन संपर्क नहीं हुआ। बाद में थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई।
13 अगस्त को सुबह, गांव सिंघानी में नहर के पास खेत में उसकी लाश मिली। गले पर धारदार हथियार से वार के निशान थे। यह स्थान मनीषा के गांव से करीब 8 किलोमीटर दूर है। घटनास्थल पर घसीटने के निशान भी मिले, जिससे स्पष्ट है कि हत्या कहीं और हुई और शव यहां लाकर फेंका गया।
पुलिस की दो थ्योरी:
- अगवा कर हत्या – मनीषा को 11 अगस्त को अगवा किया गया और 12-13 अगस्त की रात या 13 अगस्त सुबह उसकी हत्या हुई।
- दूसरी जगह हत्या – हत्या किसी अन्य स्थान पर की गई और शव को घसीटकर खेतों में फेंका गया।
परिजनों का आरोप और कार्रवाई:
हत्या की खबर मिलने पर परिजनों और ग्रामीणों ने बस अड्डे पर जाम लगाया, जो 4 घंटे बाद प्रशासन के समझाने पर खुला। मनीषा के पिता संजय ने बताया कि बेटी को आखिरी बार 2 बजे के बाद देखा गया था। उन्होंने नर्सिंग कॉलेज में भी तलाश की, जहां 3 लोग शराब पिए बैठे मिले, लेकिन किसी ने मनीषा को वहां देखने से इनकार किया।
DSP दलीप सिंह के मुताबिक, मामले की जांच के लिए 6 टीमों का गठन किया गया है, जिनमें साइबर क्राइम, CIA और लोहारू थाना की टीमें शामिल हैं। हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है और हत्यारों की तलाश जारी है।