➤हरियाणा सरकार बेटियों के जन्म पर गोद भराई और कुआं पूजन जैसे सार्वजनिक उत्सव मनाएगी।
➤जिन गांवों में लिंगानुपात बेहद कम है, उनके नाम सार्वजनिक रूप से उजागर कर शर्मिंदा किया जाएगा।
➤481 गांवों में SMO को सीधे जिम्मेदार ठहराया गया है, गर्भधारण की निगरानी के सख्त निर्देश।
हरियाणा सरकार अब राज्य में बेटियों के जन्म को सम्मान और खुशी से जोड़ने की दिशा में एक नई पहल कर रही है। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया है कि जिन गांवों में लड़कियों की जन्म दर कम है, वहां बेटियों के जन्म पर गोद भराई और कुआं पूजन जैसे पारंपरिक आयोजनों के माध्यम से सार्वजनिक रूप से उत्सव मनाया जाएगा। यह योजना महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से क्रियान्वित की जाएगी।
हरियाणा में लिंगानुपात की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। हालिया सरकारी सर्वेक्षण में 481 ऐसे गांवों की पहचान की गई है, जहां हर 1000 लड़कों पर केवल 700 या उससे भी कम लड़कियां हैं। यह स्थिति सामाजिक संतुलन के लिए खतरे की घंटी मानी जा रही है। इन गांवों में यदि स्थिति में सुधार नहीं होता, तो सरकार ने चेतावनी दी है कि उन गांवों के नाम जिला सचिवालय के नोटिस बोर्ड और पंचायत बैठकों में सार्वजनिक किए जाएंगे, ताकि सामाजिक दबाव के माध्यम से परिवर्तन लाया जा सके।
सरकार ने लिंगानुपात की निगरानी को और सख्त बनाते हुए स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (SMO) को अपने-अपने क्षेत्रों की लिंग दर के लिए सीधे तौर पर जवाबदेह बनाया है। हाल ही में आठ एसएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं क्योंकि उनके क्षेत्रों में सुधार नहीं हुआ। अब स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे गर्भधारण की निगरानी करें और लिंगानुपात गिरने की स्थिति में जवाबदेही तय की जाए।
विशेष निगरानी योजना के तहत 6,849 गांवों में से 7% गांवों को “अत्यधिक प्रभावित” घोषित किया गया है। इन गांवों में गर्भधारण की प्रक्रिया पर बारीकी से नजर रखी जाएगी और अगर कोई लिंग आधारित भेदभाव पाया गया, तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी। उपायुक्तों को इस सूची से अवगत करा दिया गया है और सरपंचों को जागरूकता अभियान चलाने और सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लिए कहा गया है।
यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” मुहिम की तर्ज पर तैयार की गई है लेकिन इसमें स्थानीय परंपराओं और सामाजिक दबाव दोनों का इस्तेमाल कर सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की जा रही है।