हरियाणा के कई जिलों में आज सुबह बारिश ने ऐसी दस्तक दी जिससे किसानों की परेशानी दोगुनी हो गई है। मंडी में धान लेकर पहुंचे किसानों को काफी नुकसान हुआ है। तो वही आढ़तीयों की लापरवाही भी सामने आई है।हरियाणा में धान का सीजन अपने पीक पर है। किसान अपनी फसल को मंडियों में लेकर पहुंच रहे हैं। लेकिन आज तड़के बादल ऐसे गरजे की किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी। घने काले बादलों के साथ हरियाणा के कई जिलों में जोरदार बारिश हुई। किसानों का पीला सोना भीग गया।
यमुनानगर जिले के छछरौली गांव में जगाधरी की नई अनाज मंडी में रखी धान की बोरियां पानी की भेंट चढ़ गई और जो किसान मंडी में अपनी धन को बेचने के लिए आए थे उनकी धान में नमी आ गई। किसानों के पास अब नुकसान में धान बेचने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है
पंखे से साफ कर फसल को बोरियों में भरा
छछरौली की अनाज मंडी में भी बारिश से नुकसान हुआ है। जैसे ही बारिश ने अपना रूद्र रूप दिखाया तो आढ़ती बोरियों पर तिरपाल ढकने लगे। बारिश की वजह से आढ़तीयों को शेड के नीचे किसानों की फसल को पंखे से साफ करके बोरियों में भरना पड़ा। आढ़ती कपिल मनीष गर्ग ने बताया कि बारिश की वजह से आढ़ती को कोई नुकसान नहीं हुआ है उनके पास बारिश से बचने के पूरे बंदोबस्त थे। इसके अलावा खरीद एजेंसी हेफड़ समय-समय पर लिफ्टिंग कर रही है।
छछरौली मार्केट कमेटी के सचिव ऋषिराज ने बताया कि कल तक जो भी धान अनाज मंडी में था उसकी लिफ्टिंग कर दी गई थी लेकिन आज जो बारिश हुई है उससे पहले ही किसानों की फसलों को पूरी तरह से ढ़ककर रख दिया गया था। हल्की-फुल्की जो धन भीगी है उसे जल्द सुखाकर खरीद लिया जाएगा
मौसम विभाग ने तीन पहले किया था भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने तीन दिन पहले ही भारी बारिश का अलर्ट जारी कर दिया था। लेकिन यह किसान की मजबूरी है कि उन्हें फसल काटने के बाद मंडी में धान बेचने के लिए आना पड़ रहा है। क्योंकि उनके पास स्टोरेज की कोईव्यवस्था नहीं है। लेकिन इस बारिश से सरकार को नहीं बल्कि किसानों को नुकसान हुआ है। क्योंकि नमी की वजह से आढ़ती भी धान लेने से कतराते हैं। तो दूसरी तरफ किसानों की खड़ी फसल भी भीग गई है जिसे उनको काटने के लिए कई दिन का इंतजार भी करना पड़ेगा।