हरियाणा के रोहतक जिले के किलोई गांव में मंगलवार को बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के शहीद कमांडो सुनील (46) का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनकी पार्थिव देह गांव पहुंची, जहां छोटे भाई सतवेंद्र हुड्डा ने उन्हें मुखाग्नि दी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी इस मौके पर शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
रविवार को मणिपुर में नक्सलियों की गोली से शहीद होने वाले कमांडो सुनील की शहादत ने उनके परिवार को गहरे शोक में डुबो दिया। उनके भाई ने बताया कि शनिवार को सुनील से बात हुई थी, और रविवार को शहीद होने की खबर आई। सुनील BSF में 24-25 साल से सेवाएं दे रहे थे और हाल ही में छुट्टी पर घर लौटे थे।
पारिवारिक आखिरी मुलाकात और शहीद की कहानी
सुनील की बड़ी बेटी BA फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कर रही है, जबकि छोटी बेटी 10वीं में पढ़ाई कर रही है। अक्टूबर में सुनील छुट्टी पर घर आए थे और फिर ड्यूटी पर वापस लौटे थे। शहीद के छोटे भाई सतवेंद्र ने बताया कि शनिवार को सुनील से बातचीत हुई थी, और रविवार को अचानक शहीद होने की दुखद खबर मिली।
भावुक अंतिम संस्कार और प्रशासनिक सम्मान
सुनील का पार्थिव शरीर जैसे ही घर पहुंचा, परिवार और गांव में चीख-पुकार मच गई। श्मशान घाट पर BSF के जवानों ने उन्हें सलामी दी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “सुनील ने देश के लिए अपनी जान दी है, और हमें उन पर गर्व है।