हरियाणा में औद्योगिक विकास को एक नई दिशा देने के लिए राज्य सरकार और नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NICDC) मिलकर हिसार में एक मेगा इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (IMC) विकसित करेंगे। यह क्लस्टर महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट के पास लगभग 3 हजार एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा, जिस पर करीब 4680 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना की जानकारी मंगलवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में दी गई। यह क्लस्टर दो चरणों में विकसित किया जाएगा और इसके पूरा होने के बाद इसमें करीब 32 हजार करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है। साथ ही, 10 हजार से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
यह परियोजना अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत विकसित की जा रही है, जिसके तहत देशभर के 7 राज्यों में 6 औद्योगिक टाउनशिप बनेंगी। हिसार का यह आईएमसी इन सभी में सबसे बड़ी परियोजना है।
मुख्यमंत्री को यह भी अवगत कराया गया कि क्लस्टर में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के साथ सड़कें, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम, एसटीपी जैसे सभी आधुनिक बुनियादी ढांचे उपलब्ध कराए जाएंगे।
परियोजना के औपचारिक क्रियान्वयन के लिए हरियाणा सरकार और एनआईसीडीसी के बीच जल्द ही एमओयू (MoU) साइन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इसकी प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि हिसार में कुल चिन्हित 7200 एकड़ भूमि में से 4212 एकड़ पर महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट स्थित है, जबकि शेष 2988 एकड़ भूमि में आईएमसी विकसित किया जाएगा। एयरपोर्ट की निकटता उद्योगों के लिए रणनीतिक लाभ सिद्ध होगी।
इसके अतिरिक्त, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत हरियाणा के नांगल चौधरी में भी लगभग 886 एकड़ भूमि पर एकीकृत मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक हब (IMLH) बनाया जा रहा है, जिससे हरियाणा को दो प्रमुख इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का सीधा फायदा मिलेगा।