● हिसार, रोहतक, भिवानी और रेवाड़ी में कोड़े मार होली, पानीपत में ऐतिहासिक डाट होली खेली जाएगी
● महेंद्रगढ़ में 56वां महामूर्ख सम्मेलन, हास्य कवियों की लगेगी महफिल
● नूंह में होली और जुमे के दिन को देखते हुए पुलिस अलर्ट, 1000 जवान तैनात
Whip Holi Haryana: हरियाणा में होली का त्योहार अनोखे अंदाज में मनाया जाता है। राज्य के कई जिलों में अलग-अलग परंपराएं देखने को मिलती हैं। कहीं देवर-भाभी के बीच कोड़े मार होली खेली जाती है तो कहीं डाट होली में दीवारों पर खड़े होकर रंग बरसाया जाता है।
कोड़े मार होली: जब देवर रंग डाले तो भाभी उठाए कोड़ा
हिसार, रोहतक, भिवानी, झज्जर और रेवाड़ी जिलों में कोड़े मार होली की परंपरा है। इस अनोखी होली में देवर अपनी भाभी पर रंग डालता है और भाभी उसे कोड़े से मारती है। यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है और लोग इसे बड़े उत्साह से मनाते हैं।
907 साल पुरानी डाट होली: पानीपत के नौल्था गांव में अनूठा जश्न
पानीपत के नौल्था गांव में डाट होली खेली जाती है, जिसकी शुरुआत 1288 में बाबा लाठे वाले ने की थी। यह परंपरा 907 साल से चली आ रही है। इस होली में लोग दीवार के सहारे बैठ जाते हैं और रंग डालने के बावजूद पीछे नहीं हटते।
गांववालों के अनुसार, धूमन जैलदार के बेटे सरदारा की मृत्यु हो जाने के बावजूद गांव की इस परंपरा को जारी रखा गया था। धूमन ने बेटे की अर्थी पर रंग डालकर गांववालों से त्योहार मनाने की अपील की थी।
महेंद्रगढ़ में महामूर्ख सम्मेलन: घोड़े पर आएगा महामूर्खाधीश
महेंद्रगढ़ में मास्टर जयनारायण सांस्कृतिक मंच की ओर से महामूर्ख सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। यह सम्मेलन 1970 से चला आ रहा है और इस बार इसका 56वां संस्करण आयोजित होगा।
कार्यक्रम में ग्वालियर, जबलपुर, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश से प्रसिद्ध हास्य कवि शामिल होंगे। परंपरा के अनुसार, महामूर्खाधीश को घोड़े पर बैठाकर डीजे के साथ लाया जाएगा और उसके गले में सब्जियों की माला पहनाई जाएगी।
पंचकूला में डॉक्टरों का होली मिलन, चिकनी मिट्टी के फायदे बताएंगे
पंचकूला में ऑल इंडिया मेडिकल एंड रिसर्च एसोसिएशन के सदस्य इकट्ठा होंगे। वे शरीर पर चिकनी मिट्टी लगाकर होली खेलेंगे और इसके त्वचा के लिए फायदों पर चर्चा करेंगे।
नूंह में पुलिस हाई अलर्ट, 1000 जवान तैनात
नूंह में होली और जुमा एक ही दिन होने की वजह से प्रशासन सतर्क है। करीब 1000 पुलिस जवानों को तैनात किया गया है। इसके अलावा, एक अतिरिक्त बटालियन भी रिजर्व रखी गई है ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे।