हरियाणा के झज्जर जिले के जिन गांवों में टीबी के मरीज नहीं होंगे, उन ग्राम पंचायतों को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सम्मानित किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने टीबी मुक्त ग्राम पंचायत योजना शुरू की है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने अभियान की शुरुआत कर दी है। इसके तहत जिले के सभी गांवों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीबी की जांच के लिए सघन अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत रेंडम जांच के अलावा सभी ग्रामीणों की जांच की जाएगी। यदि गांवों में कोई भी टीबी का मरीज नहीं मिलेगा तो उस गांव को टीबी मुक्त ग्राम पंचायत घोषित किया जाएगा।
उनको स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सम्मानित भी किया जाएगा। सम्मान मिलने से जहां ग्राम पंचायतों का प्रोत्साहन बढे़गा, वहीं दूसरे गांवों को भी प्ररेणा मिलेगी। ग्राम पंचायत के माध्यम से गांवों में सभी लोगों की टीबी जांच कराने का काम किया जाएगा। उसी में सामने आएगा कि गांव में टीबी के मरीज है या नहीं? जिले में लगभग 1800 टीबी के मरीज हैं, जिनका इलाज स्वास्थ्य विभाग के पास चल रहा है। इनको नियमित रूप से दवा दी जाती है। स्वास्थ्य विभाग ने 2025 तक टीबी मुक्त भारत की घोषणा भी की हुई है। ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान चलाकर इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने में लगा हुआ है।
1800 मरीजों को लिया गया है गोद
स्वास्थ्य विभाग द्वारा निक्षय मित्र भी बना रखे हैं। इन्होंने सभी 1800 मरीजों को गोद लिया हुआ है। इसके तहत हर मरीज को 500 रुपये प्रति माह की किट या राशि प्रदान की जाती है। झाड़ली प्लांट द्वारा ही लगभग 700 मरीजों को गोद लिया हुआ है। इसके अलावा सिविल सर्जन डॉ. ब्रह्मदीप के अलावा डॉक्टरों ने भी मरीजों को गोद लिया हुआ है।
टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान की शुरुआत कर दी गई है। इसके तहत जिन गांवों में टीबी का कोई मरीज नहीं मिलेगा, उनको टीबी मुक्त ग्राम पंचायत का दर्जा दिया जाएगा और ग्राम पंचायत को स्वास्थ्य विभाग सम्मानित भी करेगा।