Faridabad अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला 2024 की तैयारियां जोरों पर हैं और इस बार मेला प्रबंधन ने सुरक्षा और आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का सहारा लिया है। हरियाणा पर्यटन निगम ने मेले में ड्रोन तैनात करने का फैसला किया है, जो न केवल निगरानी का कार्य करेंगे, बल्कि आग लगने की स्थिति में उसे बुझाने में भी सक्षम होंगे।
कैसे काम करेगा ड्रोन सिस्टम
आधुनिक ड्रोन तकनीक से लैस ये उपकरण मेले के हर हिस्से पर नजर रखेंगे। ड्रोन में लगे थर्मल इमेजिंग कैमरे आग लगने की संभावना वाले क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं। अगर कहीं आग लगती है, तो ये ड्रोन तेजी से उस स्थान पर पहुंचकर आग बुझाने का काम करेंगे।
ड्रोन कैसे निपटेंगे आग की घटना से
फायर एक्सटिंग्विशर कैप्सूल: ये ड्रोन विशेष फायरबॉल या फायर एक्सटिंग्विशर कैप्सूल लेकर उड़ सकते हैं। इन्हें आग के केंद्र पर गिराया जाएगा, जिससे आग तुरंत शांत हो जाएगी।
वॉटर डिस्पेंसर: कुछ ड्रोन पानी या फोम का स्प्रे कर सकते हैं, जो छोटे स्तर की आग पर काबू पाने में प्रभावी होता है।
हाईटेक सेंसर: ड्रोन में लगे सेंसर आग की तीव्रता और फैलाव को मापने में मदद करते हैं, जिससे फायर ब्रिगेड को तुरंत सही दिशा में कार्रवाई करने का संकेत मिलता है।
सूरजकुंड मेला 2024 की खासियत
हरियाणा पर्यटन निगम ने इस बार सात से 23 फरवरी तक मेले का आयोजन किया है। तैयारियों में ग्रामीण भारत की छवि को उकेरने के लिए हट्स और दीवारों को गोबर और मिट्टी से सजाया गया है। मेले के लिए बिम्सटेक देशों—बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड—को सहयोगी देश के रूप में शामिल किया गया है।
ड्रोन तैनाती का उद्देश्य
हर साल लाखों लोग सूरजकुंड मेले में शामिल होते हैं, जिससे सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन एक चुनौती बन जाती है। ड्रोन तैनात कर न केवल मेले में अनुशासन बनाए रखने में मदद मिलेगी, बल्कि आग जैसी आपदाओं पर तुरंत काबू पाया जा सकेगा। ड्रोन की इस हाईटेक तकनीक से न केवल मेले का अनुभव बेहतर होगा, बल्कि इसे और भी सुरक्षित और प्रभावी बनाया जा सकेगा।