Hisar जिले में घटते लिंगानुपात को रोकने और इसे सुधारने के उद्देश्य से उपायुक्त अनीश यादव ने एक विशेष अभियान शुरू करने की घोषणा की है। मंगलवार को लघु सचिवालय स्थित वीसी सभागार में जिला स्तरीय पीएनडीटी बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि जिले के कम लिंगानुपात वाले क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जाएगा। गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण को तीसरे महीने तक अनिवार्य रूप से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि समय पर पंजीकरण से न केवल शिशु और मां की सेहत को सुनिश्चित किया जा सकेगा, बल्कि यह जन्म पूर्व लिंग निर्धारण और कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुप्रथाओं पर भी प्रभावी रोक लगाएगा।
आशा वर्करों और स्वास्थ्य कर्मियों को सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश
उपायुक्त ने आशा वर्करों और एएनएम को निर्देशित किया कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को जागरूक करने में सक्रिय भागीदारी निभाएं। इसके साथ ही, जिन स्वास्थ्य केंद्रों पर पंजीकरण की दर कम पाई जाएगी, वहां के अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर पीएनडीटी अधिनियम के उल्लंघन की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन स्वास्थ्य विभाग को हरसंभव सहायता प्रदान करेगा और अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
हरियाणा का औसत लिंगानुपात 910, हिसार का 916
सिविल सर्जन डॉ. सपना गहलावत ने बताया कि वर्ष 2024 में हरियाणा का औसत लिंगानुपात 910 था, जबकि हिसार जिले का 916 दर्ज किया गया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब तक पीएनडीटी और एमटीपी अधिनियम के तहत 51 एफआईआर दर्ज की गई हैं।
जागरूकता अभियान और सख्ती होगी प्राथमिकता
नोडल अधिकारी डॉ. प्रभुदयाल ने कहा कि प्रारंभिक पंजीकरण से न केवल स्वस्थ शिशु जन्म सुनिश्चित होगा, बल्कि कन्या भ्रूण हत्या पर भी रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि अधिकांश गर्भपात प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण के कारण होते हैं, और इस पर रोक के लिए सख्त निगरानी रखी जाएगी।