हरियाणा के हिसार में एक बार फिर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जिंदा मां-बाप को मृत दिखाने का मामला सामने आया है। आदमपुर में एक व्यक्ति ने बीसी जाति का प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अपने जिंदा बुजुर्ग मां-बाप को मृत दिखा दिया। जब एडीसी कार्यालय में खंड आदमपुर के सीआरआईडी खंड अधिकारी दिनेश ने गांव से रिपोर्ट ली तो व्यक्ति के मां-बाप जिंदा मिले।
जानकारी अनुसार आदमपुर के गांव मोहब्बतपुर निवासी प्रदीप कुमार ने अपने परिवार पहचान पत्र में खुद को बेरोजगार और पांच हजार रुपये आमदनी दिखाई है। प्रदीप कुमार ने 25 जुलाई को बीसी जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए हरियाणा वेबसाइट सरल पर ऑनलाइन आवेदन किया था। इस आवेदन में उसने अपने पिता केश राज और माता गीता देवी को मृत दिखाया है। वहीं सीआरआईडी खंड अधिकारी दिनेश की शिकायत पर प्रदीप कुमार और CSC संचालक मांगेराम के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है।
इससे पहले 29 अगस्त को आदमपुर में ही एक महिला विनोद बाला ने बीसी जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए फतेहाबाद में अपने मां-बाप को मृत दिखा दिया था। जांच के दौरान महिला की जाति जनरल मिली और उसके मां-बाप भी जिंदा मिले। सीआरआईडी अधिकारी ने कहा कि CSC संचालक मांगेराम के खिलाफ गलत और जाली प्रमाण पत्र बनवाकर फ्रॉड करने व विभाग को गुमराह करने के लिए मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की जाए।
सरपंच, पटवारी और चौकीदार से रिपार्ट मांगी तो सच आया सामने
एडीसी कार्यालय की ओर से जब इसके सत्यापन के लिए गांव के सरपंच, पटवारी और चौकीदार से रिपोर्ट मांगी गई तो सामने आया कि सेवानिवृत्त शिक्षक केश राज व गीता देवी दोनों जीवित हैं। दोनों आदमपुर मंडी स्थित केनरा बैंक के पास के निवासी हैं, जबकि बीसी जाति प्रमाण पत्र में जानकारी गलत दिखाई गई है। साथ ही दोनों के डेथ सर्टिफिकेट भी अपलोड नहीं किए गए। जिसमें गीता देवी की हार्ट अटैक से 6 अगस्त 2014 को मौत बताई गई और 5 फरवरी 2015 को मृत सर्टिफिकेट जारी किया गया। इसी प्रकार से पिता केश राज की मौत स्किन फॉक्स से 17 जुलाई 2013 को दिखाई गई। पिता की मौत का सर्टिफिकेट 8 नवंबर 2013 को जारी किया गया।