प्रेम प्रसंग के मामले में दलित युवक का मुंह काला कर गांव में घुमाने के मामले दो लोग दोषी करार दिए गए हैं।अब इस मामले में 31 जुलाई को फैसला सुनाया जाएगा ।वहीं, इस मामले 13 लोगों बरी कर दिया गया है।युवक ने थाना नारनौद में सरपंच व युवती के पिता सहित 15 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
क्या है पूरा मामला?
हिसार में करीब 11 साल पहले ,गांव ‘पूठी समैन’ में प्रेम प्रसंग के मामले में दलित युवक का मुंह काला करके गांव में घुमाया गया था। पीड़ित दलित युवक के वकील रजत कलसन ने बताया, कि पीड़ित युवक गांव की ही एक गैर अनुसूचित जाति समुदाय की युवती से प्रेम करता था तथा दोनों पिछले 6 महीनों से आपस में मिल रहे थे। जिसका पता चलने पर 1 जून 2012 को गांव की चौपाल में सरपंच राजू व युवती के पिता गुलाब सिंह ने गांव की चौपाल में पंचायत बुलाई थी। जिसमे सैकड़ो ग्रामीण मौजूद थे, जहां पर पीड़ित युवक को तलब किया गया तथा उससे कहा गया कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई गैर-अनुसूचित जाति समुदाय की लड़की से इश्क करो, जिस पर लड़के ने कहा कि हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं। इसके बाद पंचायतीयों द्वारा दलित युवक का मुंह काला करके गांव में घुमाया गया तथा उस पर ₹11000 का जुर्माना लगाकर उसे 11 साल के लिए गांव से निकाला दिया गया।
इस मामले में युवक ने, थाना नारनौद में सरपंच व युवती के पिता सहित 15 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था । लेकिन जब मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने गई ,तो पुलिस की जीप को भी बंधक बनाया गया था व पुलिस पर भी पथराव किया गया। जिसके चलते इस मामले में पुलिस किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी थी। फिर पुलिस ने सीधा अदालत में चालान दिया जहां से अदालत द्वारा आरोपियों को तलब किया गया।
मामले की मौजूदा स्थिति?
मामले में आज हिसार की ‘एससी ,एसटी एक्ट’ के तहत स्थापित विशेष अदालत के न्यायाधीश विवेक सिंगल ने, गांव के तत्कालीन सरपंच राजू व युवती के पिता गुलाब सिंह को दोषी करार दिया है। वहीं इस मामले 13 लोगों बरी कर दिया गया है।इस मामले में युवक व उसके माता-पिता ने बतौर गवाह अदालत में अपनी गवाहियां दी। जिसके बाद इस मामले में दो चरणों में अदालत में अंतिम बहस पूरी की गई तथा आज अदालत ने गांव के मौजूदा सरपंच राजू व युवती के पिता गुलाब सिंह को दोषी करार दिया गया जबकि 13 अन्य आरोपियों को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया, कल्सन ने बताया कि सजा पर बहस के लिए 31 जुलाई ,सोमवार की तारीख निर्धारित की है।