Hisar जिले के नारनौंद क्षेत्र के गांव सिंघवा खास के चार व्यक्तियों के साथ जर्मनी(Germany) भेजने के नाम पर 17 लाख 59 हजार 500 रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। इतना हीं नहीं दुबई(Dubai) के होटल में 3 माह तक मजदूरी भी करवाई। बास थाना पुलिस ने संबंध में सिंघवा खास निवासी दीपक और उसकी पत्नी प्रियंका, सूर्या और उसकी मां प्रमोद और रोहतक जिले के महम के गांव लाखन माजरा निवासी बिजेंद्र राठी के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
जानकारी अनुसार गांव सिंघवा खास निवासी रविंद्र, कृष्ण, विजय और जयबीर ने पुलिस को शिकायत दी है कि उन्होंने विदेश जाने के लिए दीपक, प्रियंका, सूर्या, प्रमोद और बिजेंद्र को 17 लाख 59 हजार 500 रुपए दिए थे। रविंद्र कुमार ने बताया कि उन्होंने दीपक के कहने पर 4 लाख 99 हजार 500 रुपए अलग-अलग खातों में डाले थे। विजय और उनके बेटे आशीष ने सूर्या के बताए गए अलग-अलग बैंक खातों में 6 लाख रुपए डाले।

जयबीर ने भी सूर्या के बताए गए अलग-अलग बैंक खातों में 5 लाख 50 हजार रुपए डाले। कृष्ण ने दीपक के कहने पर अलग-अलग बैंक खातों में 6 लाख रुपए डाले। इसके बाद दीपक ने एक महीने बाद 3 लाख 50 हजार रुपए और दो-तीन महीने बाद 1 लाख 40 हजार रुपए रविंद्र को लौटाए। अब भी दीपक के पास रविंद्र के 1 लाख 10 हजार रुपए बकाया हैं। इस तरह से सभी आरोपियों ने मिलकर 17 लाख 59 हजार 500 रुपए की धोखाधड़ी की है।

12-।2 लाख में हुआ था समझौता
विजय ने बताया कि उनके साथ यह समझौता हुआ था कि 12-12 लाख रुपए में चारों को जर्मनी भेजा जाएगा। इसके लिए आरोपियों ने कहा था कि पहले उन्हें तीन महीने के लिए दुबई में काम करना पड़ेगा और उसके बाद उन्हें जर्मनी भेजा जाएगा। इस योजना के तहत विजय के बेटे आशीष और जयबीर के बेटे सोनू को दुबई भेजा गया। वहां दीपक और उसकी पत्नी प्रियंका का एक होटल है, जहां सवा तीन महीने तक आशीष और सोनू से काम करवाया गया।

न जर्मनी भेजा, न पैसे लौटाए
उनके रहने और खाने की व्यवस्था की गई, लेकिन काम का कोई पैसा नहीं दिया गया। सवा तीन महीने बाद दीपक और प्रियंका ने यह कहकर उन्हें वापस गांव भेज दिया कि कुछ दिनों बाद उन्हें गांव से ही सीधा जर्मनी भेज दिया जाएगा। इसके बाद न तो उन्हें जर्मनी भेजा गया और न ही उनके पैसे लौटाए गए। पीड़ितों का कहना है कि आरोपियों ने उनके साथ धोखाधड़ी की और उनके पैसे हड़प लिए। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है और आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या होता है और पीड़ितों को कब न्याय मिलता है।