हिसार के लघुसचिवालय में आशा वर्कर ने 3 दिन दिवसीय अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। हड़ताल के चलते आशावर्करों ने अपने काम का बहिष्कार कर दिया है। धरने पर बैठी वर्करस ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आशा वर्कर लंबे समय से वेतन बढ़तरी और कर्मचारी का दर्जा दिए जाने की मांग करती आ रही है। आशा वर्करों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर तीन दिन में सरकार ने मांगे नहीं मानी तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।
20 हजार आशा वर्कर बैठी हड़ताल पर
आशा वर्कर युनियन की जिला सचिव अनिता ने बताया कि मंगलवार से प्रदेश की 20000 आशा वर्कर्स 3 दिन की हड़ताल पर जा रही हैं। मांगों का समाधान ना होने पर हड़ताल आगे भी जारी रह सकती है। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रदेश की सरकार और स्वास्थ्य विभाग जिम्मेदार होंगे। हमारी मांग है कि आशा वर्कर की 26 हजार वेतन किया जाए और कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।
तीन साल से कर रही मांगे पूरी होने का इंतजार
तीन साल से आशा वर्कर अपनी मांगों और समस्याओं को लेकर बार-बार स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों और सरकार को पत्र लिख रही है। संसाधनों व स्टाफ की कमी और काम के दबाव के चलते गर्भवती महिलाओं, आम जनता के साथ नागरिक अस्पतालों में दुर्व्यवहार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।
आशा वर्कर्स यूनियन ने कहा कि आशाओं को धमका कर आंदोलन के लिए मजबूर करना है। उन्होंने कहा कि यूनियन हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों और सरकार से मांग करती है कि तुरंत प्रभाव से सरकार की ओर से दी जाने वाली धमकियों पर रोक लगाई जाए और आशा वर्कर्स की मांगों और समस्याओं का समाधान किया जाए।