हरियाणा के हिसार में नीलगाय को मारने की अनुमति के विरोध में बिश्नोई समाज ने आज जबरदस्त विरोध मार्च निकाला। बिश्नोई मंदिर से शुरू होकर लघु सचिवालय तक पहुंचे इस मार्च में बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए। समाज ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
किसानों और वन्य जीवों का अटूट रिश्ता

अखिल भारतीय बिश्नोई जीव रक्षा सभा, हिसार के प्रधान एडवोकेट चंद्र सहारण ने कहा कि हरियाणा के किसान सदियों से वन्य जीवों के साथ तालमेल बनाकर खेती करते आए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब तक किसी किसान या संगठन ने नीलगायों को मारने की अनुमति नहीं मांगी है, इसलिए यह फैसला अनुचित है।
समाधान के विकल्प पहले ही सुझाए जा चुके थे

बिश्नोई समाज ने 17 दिसंबर 2024 को मुख्य वन्य अधिकारी और 4 जनवरी 2025 को वन मंत्री से मुलाकात कर इस समस्या का समाधान पेश किया था। इनमें नीलगायों को अन्य राज्यों के जंगलों में स्थानांतरित करना, नसबंदी करवाना या प्रभावित किसानों को मुआवजा देना जैसे विकल्प शामिल थे। लेकिन सरकार ने इन सुझावों को नजरअंदाज कर नर नीलगायों को मारने की अनुमति दे दी।
सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन, कानून वापस लेने की मांग

प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन डीसी को सौंपा और हरियाणा वन्यजीव (संरक्षण) 2024 के तहत नीलगायों को मारने की अनुमति तुरंत रद्द करने की मांग की। समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार को वन्य जीव प्रेमियों और किसानों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए और इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।