Haryana Politics : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि अगर एप्लीकेशन आती है तो दुष्यंत पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करवाई जाएगी। नायब सिंह सैनी का कहना है कि दुष्यंत पर उन्हीं की पार्टी के नेताओं ने विधानसभा में आरोप लगाए थे। यह गंभीर मामला है। अगर विधायकों की तरफ से एप्लीकेशन आती है तो वह जांच करवाएंगे। यह बातें मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंचकूला में पत्रकारवार्ता के दौरान कहीं।
बता दें कि हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (जजपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच गठबंधन टूट चुका है। इसके बाद प्रदेश में नई सरकार का गठन किया जा चुका है। अब चुनावी माहौल में दोनों पार्टी के नेता एक-दूसरे पर तीखी बयानबाजी कर रहे हैं। वहीं शुक्रवार को जजपा के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय चौटाला ने मीडिया में बयान दिया था कि सरकार का मुखोटा बदला है, सरकार पुरानी है। यानि बोतल बदली है, मगर शराब पुरानी है। अब भी सरकार पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल चला रहे हैं। उन्होंने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री के ईशारों पर ही प्रदेश को लूटा जा रहा है।
वहीं उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर भ्रष्टाचार के आरोप शुरू से ही लगते रहे हैं। उनके अपने ही विधायक विधानसभा तक में भ्रष्टाचार के आरोपों पर दुष्यंत को घेर चुके हैं। इतना ही नहीं, दुष्यंत चौटाला पर उनके चाचा अभय चौटाला भी हिसार एयरपोर्ट के नजदीक जमीन खरीद, शराब घोटाले और रजिस्ट्री घोटाले के आरोप लगा चुके हैं। नारनौंद के जजपा विधायक रामकुमार गौतम भी दुष्यंत पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा चुके हैं। दोनों के बीच विधानसभा में ही बहस तक हो चुकी है।
जजपा के सिंबल पर चुनाव लड़कर विधायक बने पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली, बरवाला से विधायक जोगी राम, नरवाना विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा, गुहला चीका से विधायक ईश्वर सिंह और नारनौंद से विधायक रामकुमार गौतम जजपा से बागी होकर भाजपा के साथ खड़े हैं। इन विधायकों की नाराजगी जजपा में तवज्जों ना मिलना और दुष्यंत व दिग्विजय पर भ्रष्टाचार को लेकर रही है। विधायक रामकुमार गौतम ने विधानसभा में दुष्यंत पर सत्ता में रहकर मलाई खाने का आरोप लगाया था।

वहीं प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला चुनावी दौरे के दौरान हिसार की अनाज मंडी में लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सैनी पर निशाना साधते हुए कहा कि आज के दिन हैफेड की परचेज को मंडी के आढ़तियों से हटकर अपने एजेंट को देने से दिखता है कि चुनिंदा लोगों से कार्य करवाना चाह रहे हैं। नए मुख्यमंत्री का फेलियर है, अब तक वह अपनी नई जिम्मेदारी को संभाल नहीं पाए हैं। उनको अधिकारियों के साथ बैठना चाहिए, समय लगाना चाहिए। किसान के लिए साल में दो ही अवसर आते हैं। सरकार किसानों को यही रियायत दे सकती है कि किसानों की फसल में खरीद में देरी न हो।
बता दें कि हरियाणा में पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले 2018 में हरियाणा में जजपा का गठन हुआ था। 2019 के विधानसभा चुनाव में जजपा ने हरियाणा में कुल 10 सीटें जीती थी। वहीं भाजपा को बहुमत से कम सीटें मिली थी। भाजपा को 40 सीटें मिली और 6 विधायक निर्दलीय चुनकर आए थे। इसके बाद भाजपा और जजपा का हरियाणा में नई सरकार बनाने के लिए गठन हुआ था। जजपा से दुष्यंत चौटाला को उपमुख्यमंत्री और भाजपा से मनोहर लाल को मुख्यमंत्री बनाया गया था।
बता दें कि दुष्यंत चौटाला को आबकारी, पीडब्ल्यूडी, एविएशन जैसे महत्वपूर्ण विभाग उनके पास थे। चार साल से ज्यादा भाजपा के साथ काम करने के बाद लोकसभा चुनाव में भाजपा द्वारा दो सीटें न देने पर जजपा और भाजपा की राह अलग हो गई थी। तब से लेकर अब तक दोनों एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, यह बयानबाजी और तीखी होती जा रही है।