हरियाणा के Hisar जिले के गांव धांसू निवासी पवन कुमार के साथ साइबर ठगी का मामला सामने आया है। पवन कुमार ने साइबर थाना में शिकायत दर्ज करवाई, जिसमें उन्होंने बताया कि वह गरीब व्यक्ति हैं और उन्हें पीला राशन कार्ड के माध्यम से सस्ते दामों पर राशन मिलता था।
धोखाधड़ी की शुरुआत
24 फरवरी 2025 को जब पवन राशन लेने गए, तो राशन डिपो होल्डर ने बताया कि उनका राशन कार्ड बंद कर दिया गया है। इसके बाद, पवन ने सीएससी सेंटर में जाकर जानकारी ली तो पता चला कि उनके खाते में ट्रांजैक्शन होने के कारण कार्ड बंद कर दिया गया था। पवन ने अपने परिवार के सभी बैंक खातों की जांच की, लेकिन किसी भी खाते में कोई ट्रांजैक्शन नहीं मिली।
मंडी के व्यापारियों ने लिए थे कागजात
पवन को याद आया कि 15 फरवरी 2024 से 19 सितंबर 2024 तक वह हिसार की अनाज मंडी में मानीरथ मित्तल और उसके बेटे मोहित मित्तल के यहां काम कर रहे थे। नौकरी छोड़ने से पहले मित्तल और उसके बेटे ने पवन के आधार कार्ड, पैन कार्ड और सैलरी अकाउंट के लिए उसके दस्तावेज ले लिए थे और बैंक खाता खोलने के लिए उससे साइन भी करवा लिए थे। इसके बाद उसे 10 दिन बाद नौकरी से निकाल दिया गया था।
केनरा बैंक में बिना अनुमति खाता खुलवाया
कुछ समय बाद पवन को यह एहसास हुआ कि उसके दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल किया गया था, तो वह मित्तल और मोहित के पास गए, लेकिन दोनों ने किसी भी खाते की जानकारी होने से इनकार कर दिया। इसके बाद पवन ने केनरा बैंक में जाकर जांच की और पाया कि उसके नाम पर एक खाता खोला गया था। खाते में मोहित मित्तल का मोबाइल नंबर दर्ज था।
लाखों की धोखाधड़ी और ट्रांजैक्शन
बैंक के रिकॉर्ड के मुताबिक, मित्तल और मोहित ने मोबाइल ऐप के जरिए 42 लाख रुपए का ट्रांजैक्शन किया था। जब बैंक को धोखाधड़ी का पता चला, तो उन्होंने पवन को अपना मोबाइल नंबर बदलने की सलाह दी। हालांकि, तब तक आरोपियों ने पवन के खाते से 2,47,800 रुपए मानीरथ मित्तल के खाते में ट्रांसफर कर लिए थे।
आरोपियों द्वारा धमकी
पवन जब आरोपियों के पास गया तो उन्होंने उसे धमकाया और कहा कि यदि उसने शिकायत की तो उसे नुकसान होगा। इसके साथ ही उन्हें यह डर भी जताया गया कि पुलिस और जीएसटी विभाग पहले उसे ही पकड़ेंगे। डर के कारण पवन ने चुप रहने का निर्णय लिया, लेकिन अब परिवार के समझाने पर उसने शिकायत दी और पुलिस से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस का कदम
पुलिस ने साइबर ठगी और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है।