Hisar के भुना रोड स्थित प्लाईवुड फैक्ट्री में 20 जनवरी को हुए धमाके में घायल दूसरे मजदूर की भी मौत हो गई है। कुला के रहने वाले 65 वर्षीय बलजीत सिंह 10 दिन तक हिसार के अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे थे, लेकिन उपचार के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
हादसा 20 जनवरी को हुआ था, जब वीरेन्द्रा स्ट्रॉ बोर्ड फैक्ट्री में डीजल टैंक में अचानक धमाका हो गया था। धमाके के बाद फैक्ट्री में भीषण आग लग गई थी, जिसमें कानी खेड़ी गांव के रघुवीर सिंह की मौके पर ही मौत हो गई थी। हादसे में घायल हुए बलजीत सिंह को टोहाना के नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें हिसार रेफर किया गया था।
बलजीत सिंह के परिवार में तीन बेटियां और दो बेटे हैं। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया है। मृतक के बेटे सचिन की शिकायत पर पुलिस ने फैक्ट्री मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया है, हालांकि अभी तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
सचिन ने पुलिस को बताया कि उसके पिता फैक्ट्री में वेल्डिंग मिस्त्री का काम करते थे। फैक्ट्री के मालिकों ने अवैध रूप से मिल के गेट के पास 3000 लीटर डीजल का टैंक रखा हुआ था, जिसके पास कोई लाइसेंस नहीं था। मालिकों द्वारा डीजल का अवैध स्टोरिंग किया जा रहा था, जिसके कारण यह हादसा हुआ।
सचिन ने यह भी आरोप लगाया कि फैक्ट्री मालिकों ने आग बुझाने के लिए कोई भी उचित संसाधन नहीं लगाए थे। हादसे के दिन उसके पिता वेल्डिंग का काम कर रहे थे, तभी डीजल टैंक में आग लगने से धमाका हो गया। इसमें उसके पिता रघुवीर सिंह की मौत हो गई और बलजीत सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
कुला चौकी पुलिस के जांच अधिकारी राजकुमार ने सचिन के बयान पर भारतीय दंड संहिता की धारा 106, 125 के तहत फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ केस दर्ज किया था। फिलहाल मामले की जांच जारी है और पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है।