हिसार के नागरिक अस्पताल के सीएमओं पर रिश्वत लेने का आरोप लगा है। हांसी के प्राइवेट अस्पताल संचालक ने एसीबी को शिकायत दी है। हिसार में एंटी करप्शन ब्यूरो ने नागरिक अस्पताल के सीएमओं पर एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में एसीबी को हांसी के बालाजी अस्पताल के संचालक डॉ. साहिल ने शिकायत दी थी।
अस्पताल संचालक ने आरोप लगाए है कि जिसमें डॉ. नरेश वर्मा 10 लाख रुपए की डिमांड कर रहे थे। इस दौरान हिसार में वह 5 लाख रूपए सीएमओं को दे चुका था।
क्या है सारा मामला
शिकायत में प्राइवेट अस्पताल के डॉ. साहिल के अनुसार वह हांसी में प्राइवेट अस्पताल चलाता है। जिसका नाम श्री बालाजी अस्पताल हैं। उनके साथ पत्नी डॉ. सेमिका और डॉ. किरण भी सेवाएं दे रही हैं। शिकायतकर्ता ने बताया कि इसी साल 22 जुलाई को अस्पताल में पूनम नामक मरीज आई थी।
लेबर पेन होने पर उसका इलाज शुरू किया गया था। जिसकी डिलीवरी डॉ. किरण और सोमिका द्वारा की गई। बच्चा 24 हफ्ते का था। बच्चा होने के बाद पिता सुरेश को हिसार बच्चों के अस्पताल में रेफर के लिए बोला गया, लेकिन वह नहीं लेकर गया। जिसके बाद बच्चे की डेथ हो गई।
एसीबी को दी शिकायत
पुलिस को दी शिकायत के अनुसार 29 जुलाई को डॉ प्रभुदयाल के नेतृत्व में हिसार की पीएनडीटी टीम उसके अस्पताल आई। टीम में डॉ कामिद मोंगा, विक्रम गोरिया भी थे। डॉ प्रभुदयाल ने उसे बताया कि यह टीम सीएमओ द्वारा गठित की गई है। इसके बाद प्रभुदयाल ने उसे बताया कि 22 जुलाई को उन्होंने मनु अस्पताल में रेड की थी। उस समय वहां पर पूनम नाम की महिला को एमपीटी किट खिलाई गई। उसके बाद पूनम श्री बालाजी अस्पताल में आई।
उसके बाद उसका गर्भपात आपके अस्पताल में किया गया। इसलिए आपके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। डॉ. साहिल के अनुसार बाद में उसे महसूस हुआ कि जब उसने गलती ही नहीं की तो वह किस बात के पैसे दे। इसके बाद सीएमओं की कॉल की रिकॉर्डिंग की जो बाद में विजिलेंस को सौंप दी।