सिविल अस्पताल में मरीज को पुलिस व सिक्योरिटी गार्ड के पीटने पर परिजनों ने किया हंगामा

हिसार

शहर के सिविल अस्पताल में मरीज को पुलिस और सिक्योरिटी गार्ड द्वारा पीटने पर हंगामा हो गया। घटना के बाद मरीज के परिजनों ने हंगामा कर दिया। इसके बाद पुलिसकर्मी मौके से फरार हो गया।

परिजनों का आरोप है कि पीएमओ के ऑफिस के अंदर मरीज को पुलिस वाले और गार्ड ने पीटा है और अंदर कैमरे बंद करवाया गया है। वहीं दूसरी ओर पीएमओ रत्नागिरी ने इन आरोपों से इंकार किया है।

जानकारी अनुसार पीड़ित मरीज अजय के भाई नवीन ने बताया कि तीन दिन पहले अजय के साथ डीसी कालोनी में युवकों मारपीट कर दी थी।  उसका इलाज सिविल अस्पताल में चल रहा था, उसके आने के बाद उसे पेन किलर दे दी, जबकि उसके नाक में फ्रेक्चर था, लेकिन उसका इलाज नहीं किया गया।

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पर्ची पर लिखकर जा सकते हो

नवीन ने बताया आज हमने कहा कि इसका इलाज करो, नहीं तो हम प्राइवेट अस्पताल में रेफर कर दें। एक नर्स ने कहा कि जाना है तो जाओ। उसने फाइल पर लिख दिया कि ये अपनी मर्जी से जा रहे हैं। जब हम बाहर आए तो हमने अपने वकील से बात की। हमारे वकील ने कहा कि पीएमओ कार्यालय में एक शिकायत रजिस्टर होता है, उस पर लिख दो। हम पीएमओ कार्यालय में शिकायत करने आए। बाहर खड़े सिक्योरिटी गार्ड ने कहा कि यहां कोई कंपलेट रजिस्टर नहीं होता, एक पर्ची पर लिखकर जा सकते हो। 

रिकार्डिंग करने का आरोप लगा की मारपीट

नवीन ने बताया कि भाई अजय के जेब में फोन था। उसने कहा कि आप रिकार्डिंग कर रहे हो। हमने कहा कि आप फोन चैक कर लो, यदि रिकार्डिंग हो तो डिलीट कर देना, उसने फोन छीन लिया। तभी दूसरे कमरे से पीएमओ मैडम आई और उसने कहा कि हंगामा क्यों किया जा रहा है। इसके बाद उन्हें अंदर बुलाया गया। साथ ही पुलिस वाले को फोन किया गया।

पीएमओ कार्यालय के बाहर बैठे रहे परिजन

अंदर आने पर पौने 11 बजे कैमरे बंद कर दिए गए। पुलिस वाले ने अंदर आते ही उसके भाई अजय को पीटना शुरू कर दिया। अजय के परिजनों ने जब विरोध जताना शुरू कर दिया, तो पुलिसकर्मी मौके से फरार हो गया। परिजन मौके पर पीएमओ कार्यालय के बाहर ही बैठे रहे।

हंगामा कर हमारा काम किया प्रभावित : पीएमओ

पीएमओ रत्ना गिरी ने कहा कि युवक और उसके परिजन बड़े ही एग्रेसिव थे। वीडियो बना रहे थे, हमने पुलिस को बुलाकर मोबाइल उन्हें सौंपा है। परिजनों ने हंगामा किया है, हम इन्हें शांत करने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन ये बात सुनने को तैयार नहीं। डाक्टर को भी बुलाया गया था, इनका इलाज भी चल रहा है। हंगामे के कारण हमारा काम भी प्रभावित किया।