Hisar हरियाणा के हिसार में कांग्रेस के भीतर कलह खुलकर सामने आ गई है। कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके रामनिवास राड़ा अब पार्टी के ही खिलाफ मोर्चा खोलने को तैयार हैं। विधानसभा चुनाव में हार का बदला लेने की मंशा से राड़ा कांग्रेस उम्मीदवार के सामने ताल ठोक सकते हैं।
16 फरवरी को बड़ी बैठक, चुनावी रणनीति पर होगा फैसला
रामनिवास राड़ा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट साझा कर बताया कि 16 फरवरी को एक बड़ी बैठक बुलाई गई है, जिसमें कई प्रभावशाली नेता शामिल होंगे। इस बैठक में आगामी चुनाव को लेकर ठोस निर्णय लिया जाएगा। कांग्रेस की परेशानी तब और बढ़ गई जब यह खबर सामने आई कि राड़ा मेयर का चुनाव खुद भी लड़ सकते हैं या किसी उम्मीदवार को समर्थन देकर मैदान में उतार सकते हैं।
हुड्डा गुट पर फिर साधा निशाना
हिसार विधानसभा चुनाव में हार के बाद से ही रामनिवास राड़ा पार्टी के भीतर के गुटों पर हमलावर हैं। उन्होंने सीधे तौर पर आरोप लगाया था कि हुड्डा गुट ने भीतरघात कर उन्हें चुनाव हरवाया। राड़ा ने दावा किया कि निर्दलीय उम्मीदवार सावित्री जिंदल को जानबूझकर मजबूत किया गया और कांग्रेस का एक धड़ा उनके खिलाफ काम करता रहा।
सैनी समुदाय के समर्थन पर भरोसा
रामनिवास राड़ा सैनी समुदाय से आते हैं और हिसार विधानसभा में इस समुदाय के 25,000 से ज्यादा वोटर हैं। वहीं, नगर निगम क्षेत्र में यह संख्या और अधिक है। राड़ा को उम्मीद है कि सैनी समाज के साथ-साथ अन्य वर्गों के लोग भी उनका समर्थन करेंगे, जिससे वह कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार को कड़ी चुनौती दे सकें।
कांग्रेस के लिए बढ़ी मुश्किलें
राड़ा की बगावत से कांग्रेस को दोहरी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। एक तरफ पार्टी को हुड्डा और विरोधी गुटों के टकराव से जूझना पड़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ राड़ा की नाराजगी से सैनी वोट बैंक में भी सेंध लग सकती है। ऐसे में आने वाले दिनों में कांग्रेस को भीतरघात और असंतोष को संभालने की बड़ी चुनौती का सामना करना होगा।