➤ यमुनानगर में POCSO मामले में ऐतिहासिक फैसला: नाबालिग को परेशान करने वाले को 7 साल जेल
➤ अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने शाहबाज खान को तीन अलग-अलग धाराओं में सुनाई सजा
➤ 5 महीने 25 दिन में हुआ फैसला, गवाहों के अडिग रहने से मिली पीड़िता को न्याय
यमुनानगर में नाबालिग लड़की को परेशान करने के एक गंभीर मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कड़ा रुख अपनाते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। इस मामले में मुख्य आरोपी शाहबाज खान को 7 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। सरकारी वकील गुरुदेव टंडन ने बताया कि शाहबाज खान को पहले ही दोषी ठहराया जा चुका था, और शुक्रवार को कोर्ट ने उसे तीन अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई, जिसमें 4 साल, 2 साल और 1 साल की सजा शामिल है। ये सभी सजाएं एक के बाद एक भुगतनी होंगी, जिसका अर्थ है कि आरोपी को कुल 7 साल जेल में बिताने होंगे।
यह फैसला इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि न्यायिक प्रक्रिया मात्र 5 महीने 25 दिनों में पूरी हो गई, जो ऐसे मामलों में त्वरित न्याय का एक बड़ा उदाहरण है। सरकारी वकील ने जानकारी दी कि शाहबाज खान के खिलाफ पहले भी इसी तरह का एक मामला दर्ज हुआ था, लेकिन उस समय गवाहों के पीछे हट जाने के कारण वह बच गया था।
हालांकि, इस बार स्थिति बिल्कुल अलग थी। नाबालिग पीड़िता और उसके परिजनों ने मजिस्ट्रेट के सामने दिए अपने बयानों पर पूरी दृढ़ता से अडिग रहते हुए सामना किया। इसके साथ ही, अन्य गवाहों ने भी अपने बयानों को कायम रखा, जिससे अभियोजन पक्ष को आरोपी को दोषी साबित करने में मदद मिली। गवाहों की यह हिम्मत और न्यायिक प्रक्रिया की तेजी ने यह सुनिश्चित किया कि पीड़िता को समय पर न्याय मिल सके।
यह फैसला समाज में उन लोगों के लिए एक कड़ा संदेश है जो नाबालिगों को परेशान करने जैसे अपराधों में संलिप्त होते हैं। यह दिखाता है कि न्यायपालिका ऐसे मामलों में कितनी गंभीर है और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।