हरियाणा के पानीपत शहर में सिविल अस्पताल में एचआईवी पॉजिटिव युवक ने जमकर उत्पात मचाया। वह अपने खून की संक्रमित सुई लेकर अस्पताल स्टाफ नर्सों के पीछे दौड पड़ा। अस्पताल कर्मचारियों ने युवक को काफी मशक्कत के बाद पकड़कर बैड पर लिटाया। युवक शहर के नूरवाला क्षेत्र का रहने वाला है।
बताया जा रहा है कि परिवार द्वारा उपेक्षित होने के बाद युवक मानसिक रूप से भी परेशान है। युवक ने डॉक्टर को भी सिरिंज मारने का प्रयास किया। कर्मचारियों ने युवक को काफी मशक्कत के बाद पकड़कर लेटाया। डॉक्टरों ने उसे समझाया तो वह रोने लगा और आपबीती सुनाई। वह आश्वासन के बाद कुछ शांत हुआ। घटना मंगलवार रात की है। दरअसल नूरवाला का 22 साल का युवक चिकन कॉर्नर चलाता था। उसके पिता की तीन साल पहले मौत हो गई थी।
डेढ़ साल पहले तबीयत बिगड़ने पर करवाई थी जांच
डेढ़ साल पहले युवक की तबीयत बिगड़ी तो उसने नागरिक अस्पताल में अपनी जांच कराई। वह इसमें एचआईवी पॉजिटिव पाया गया। उसने खुद कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज से अपना छह माह तक इलाज कराया। उसकी मां ने दूसरी शादी कर ली। माता-पिता ने उसे घर से निकालकर संपत्ति से बेदखल कर दिया। युवक फुटपाथ पर सो कर अपना जीवन व्यतीत करने लगा। उसको समाज की उपेक्षा का सामना करना पड़ा। युवक उसको एड्स रोगी बोलकर चिढ़ाने लगे। उसको इसी झगड़े में चार माह जेल में भी रहना पड़ा। अब वो एक माह पहले से बाहर आया था।
सौतेले पिता ने डंडो से पिटाई कर घर से निकाला बाहर
मंगलवार को उसके सौतेले पिता ने उसकी डंडों से पिटाई कर दी। युवक रोते हुए इलाज कराने नागरिक अस्पताल में पहुंचा। यहां कर्मचारियों ने उसे बेड पर लेटा दिया। वो समाज की उपेक्षा पर चिल्ला चिल्लाकर रो रहा था। उसने मिनी ऑपरेशन थियेटर में जाकर सिरिंज उठाई और अपनी बाजू में मारी। फिर इस सिरिंज को लेकर वो स्टाफ नर्सों व कर्मचारियों के पीछे दौड़ा। स्टाफ नर्स कमरे में घुस गई कर्मचारी बर्न वार्ड की और भाग गए। युवक ने यहां जमकर हुड़दंग मचाया। सुरक्षाकर्मियों ने उसको किसी तरह से काबू किया।
ऐसे रोगियों की न करें उपेक्षा – डॉ. सुखदीप
युवक मंगलवार की रात को इलाज कराने नागरिक अस्पताल में आया था। वो मानसिक रूप से काफी परेशान हो चुका है। उसकी पारिवारिक समस्याएं भी हैं। युवक ने कई कर्मियों को सिरिंज माने का प्रयास किया है। पुलिस को इसकी सूचना दी गई है।समाज से डॉक्टरों की ओर से ये ही अपील है कि वो ऐसे रोगियों की उपेक्षा न करें। ये भी हमारे समाज का हिस्सा हैं।