हरियाणा के पुलिस विभाग में 372 जांच अधिकारियों के मामले में अब नया मोड़ सामने आया है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की रिपोर्ट में 13 जिलों के जांच अधिकारियों का ही जिक्र होने पर प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज सवाल खड़े कर चुके हैं। अब विज ने अन्य 9 जिलों पर अपनी नजरें तेज कर दी है। गृह मंत्री विज ने विभाग के अधिकारियों से मामले में बचे जिलों के जांच अधिकारियों की रिपार्ट मांगी है।
बताया जा रहा है कि गृह मंत्री अनिल विज लगातार अपने कार्यालय से इस मामले की अपडेट ले रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि शेष बचे 9 जिलों की रिपोर्ट जल्द गृह मंत्री अनिल विज के पास पहुंच सकती है। बता दें कि डीजीपी की रिपोर्ट में 13 जिलों का ही जिक्र पर भी सवाल उठे हैं। 372 जांच अधिकारियों को सस्पेंड करने के मामले की रिपोर्ट पर गृह मंत्री अनिल विज सवाल खड़े कर चुके हैं। इससे दो दिन पहले भी अनिल विज की ओर से गृह विभाग की मीटिंग में रिपोर्ट को मिसलीड करने वाला करार दिया था। विज यह भी सवाल उठा चुके हैं कि पेश की गई दोनों रिपोर्ट में से एक रिपोर्ट झूठी है। गृह मंत्री का कहना है कि उन्होंने इस मामले में जांच के निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि गुमराह करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश के इन जिलों में सामने आ चुकी है लापरवाही
गौरतलब है कि गृह मंत्री अनिल विज के निर्देशों के तहत 13 जिलों के 372 जांच अधिकारियों में से 99 ही निलंबित किए गए हैं। प्रदेश के जिला सिरसा में 66 में से 27, जींद में 24 में से 7, रेवाड़ी में 5 में से 1, रोहतक में 31 में से 2, यमुनानगर में 57 में 6, करनाल में 31 में से 6, हिसार में 14 में से 3, सोनीपत में 9 में से 1, पंचकूला में 10 में से 9, पानीपत में 3 में से 2, गुरुग्राम में 60 में से 14, फरीदाबाद में 32 में से 13, अंबाला में 30 में से 8 जांच अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। इन जांच अधिकारियों में डीएसपी स्तर के 9 अधिकारी भी शामिल हैं। जिनका मामला पेंडिंग हैं।
वहीं गृह विभाग के अधिकारियों ने समीक्षा कर तैयार की गई रिपोर्ट में जिले के अनुसार संबंधित जांच अधिकारियों की ओर से केस को पेंडिंग रखने के कारणों की जानकारी दी गई थी। फिलहाल अधिकतर केसों के पेंडिंग होने का कारण कोर्ट केस होना बताया गया है। वहीं कुछ केस ऐसे भी सामने आए हैं, जिनमें जिला पुलिस से स्टेट क्राइम व दूसरे जिलों में ट्रांसफर होने से केसों के निपटारे में देरी होने का कारण दिया गया है।