➤हरियाणा के पलवल में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी चूक से दो कारोबारियों के शव आपस में बदल गए।
➤अंतिम संस्कार से पहले जब परिजनों ने चेहरे से कपड़ा हटाया, तब असलियत सामने आई।
➤दोनों परिवारों ने एक-दूसरे को पहचान कर शव वापस मंगवाए और फिर सही अंतिम संस्कार किया गया।
हरियाणा के पलवल जिले के सिविल अस्पताल में मंगलवार को एक अजीबोगरीब और बेहद संवेदनशील मामला सामने आया, जिसने न केवल स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए, बल्कि दो grieving परिवारों के दुख को और गहरा कर दिया। यह घटना उस समय सामने आई जब दो कारोबारियों — अभिनव अग्रवाल और अमित अग्रवाल — की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद पोस्टमॉर्टम के उपरांत उनके शव परिजनों को सौंपे गए।
कैसे हुआ हादसा?
मेरठ के रहने वाले कारोबारी अभिनव अग्रवाल (स्वामीपाड़ा, बुढ़ाना गेट) और अमित अग्रवाल (शास्त्री नगर, सेक्टर-6) 28 जुलाई को वेगनआर कार में सवार होकर मथुरा जा रहे थे। मथुरा में उन्हें पूजा सामग्री खरीदनी थी। इसी दौरान कुंडली-गाजियाबाद-पलवल (KGP) एक्सप्रेसवे पर छज्जूनगर टोल प्लाजा के पास अचानक एक ट्राले ने ब्रेक लगाई। उनकी कार तेज गति में थी और ब्रेक का समय नहीं मिल पाया, जिससे कार ट्राले के पीछे जा घुसी। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
मॉर्च्युरी में हुई चूक और शवों की अदला-बदली
दोनों शवों को पलवल के सिविल अस्पताल की मॉर्च्युरी में लाया गया और पोस्टमॉर्टम के बाद करीब रात 10 बजे उनके परिजनों को सौंप दिए गए। मृतकों के शवों पर पहचान के लिए टैग लगाए गए थे, लेकिन यहीं पर सबसे बड़ी चूक हो गई। शवों पर लगाए गए टैग गलत थे — अभिनव का टैग अमित के शव पर और अमित का टैग अभिनव के शव पर था।
दोनों परिवार शव लेकर एंबुलेंस से मेरठ के लिए रवाना हो गए और रातभर शव घरों में रखे रहे।
अंतिम दर्शन में हुआ खुलासा
अगले दिन सुबह यानी 29 जुलाई को जब अभिनव के किसी करीबी दोस्त ने अंतिम दर्शन की इच्छा जताई और शव का चेहरा देखा, तो वह चौंक गया। वह शव अमित का था। परिवार ने तुरंत अमित के घर फोन किया और उन्हें भी शव की पहचान करने को कहा। वहां भी यह चूक सामने आई — अमित का शव दरअसल अभिनव का निकला।
गनीमत: परिवार एक-दूसरे को जानते थे
सौभाग्यवश, दोनों परिवार एक-दूसरे को जानते थे। इसीलिए उन्होंने तुरंत आपस में संपर्क किया और एंबुलेंस के जरिए शवों की अदला-बदली की गई। इसके बाद दोनों शवों का सही ढंग से अंतिम संस्कार किया गया।
स्वास्थ्य विभाग की सफाई और जांच
इस पूरी घटना की जानकारी जब पलवल जिला सिविल अस्पताल के अधिकारियों को मिली तो उन्होंने पहले संबंधित कर्मचारियों से पूछताछ की। उनका दावा था कि शव परिजनों को दिखाकर सौंपे गए थे, लेकिन परिवारों के आरोपों के बाद अस्पताल प्रशासन ने जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की है।
RMO डॉ. रवि सहरावत ने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। परिवारों ने यह भी आरोप लगाया कि टैगिंग की प्रक्रिया में लापरवाही हुई, जिससे यह बड़ी गलती हुई।