हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के 72 करोड़ रुपए के फर्जी खातों में डलवाने के मामले में लगातार खुलासे हो रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में तलाशी के दौरान 19 लाख रुपए कैश और प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट कब्जे में लिए हैं। वहीं करोड़ों के इस फर्जीवाड़े में 115 बैंक खातों की जांच की जा रही है।
ईडी की जांच में मिली जानकारी के अनुसार विभिन्न फर्जी कंपनियों ने यूनिसिटी कंस्ट्रक्शन जैसी कंपनियों को प्रॉपर्टी और अन्य खर्चों में निवेश किया। ईडी ने बताया कि मंगलवार को तलाशी के दौरान 19 लाख रुपए कैश और प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट कब्जे में लिए गए हैं। इसके अलावा मामले में 115 बैंक खातों की जांच भी की जा रही है। एचएसवीपी की आधिकारिक मेल से बैंकों को लगभग 50 बार सूचना भेजी गई थी। जिसमें अलग-अलग खातों में पेमेंट करने के लिए कहा गया था। इस मेल का प्रबंधन तत्कालीन डीडीओ सुनील बंसल कर रहे थे। ईडी ने इसके बाद उन खातों का पता लगाया, जिनमें पेमेंट हुई थी और ये खाते लगभग डेढ़ दर्जन लोगों के थे। इनमें कुछ बिल्डर्स भी शामिल थे, जबकि कुछ गरीब लोग भी थे। मंगलवार को ईडी के अधिकारियों ने सनसिटी अपार्टमेंट में बिल्डर्स के यहां रेड की थी। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत ईडी ने चंडीगढ़, पंचकूला, मोहाली, जीरकपुर, बद्दी और सोलन में कुल 20 स्थानों पर छापेमारी की।

तत्कालीन मुख्य प्रशासन ने कराई आंतरिक जांच
एचएसवीपी ने जानकारी दी कि उनके खाते से अनधिकृत रूप से लोगों के खातों में पैसे जा रहे हैं। इसके बाद तत्कालीन मुख्य प्रशासक अजीत बालाजी जोशी ने आंतरिक जांच कराई। जिसमें प्राधिकरण के बैंक खातों की डिटेल ली गई। डिटेल में मिला कि लगभग 72 करोड़ रुपए की अदायगी डेढ़ दर्जन लोगों के खातों में हो रखी है, मगर उनके पास प्राधिकरण के दस्तावेज नहीं हैं। प्राधिकरण की आतंरिक विजिलेंस ब्रांच ने भी जांच की, मगर ज्यादा पता नहीं चल पाया।

मुख्यमंत्री ने मुकदमा दर्ज करने के दिए निर्देश
मामले में तत्कालीन मुख्य प्रशासक अजीत बालाजी जोशी ने जानकारी मुख्यमंत्री मनोहर लाल को दी, जिन्होंने एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। पंचकूला पुलिस को शिकायत दी गई। साथ ही स्टेट विजिलेंस ब्यूरो और ईडी को भी सूचना भेजी गई।जांच में पाया गया कि विभिन्न लोगों, फर्मों और कंपनियों ने 2015 से 2019 तक एचएसवीपी के बैंक खाते का दुरुपयोग कर सरकारी धन का लाभ उठाया। इससे सरकारी खजाने को लगभग 72 करोड़ रुपए का वित्तीय नुकसान हुआ है।
