scientist father brutally murdered his daughter

Hisar में Scientist पिता ने बेटी की Surgical Blade से काटकर की बेरहमी से हत्या, खुद भी की आत्महत्या

बड़ी ख़बर हरियाणा हिसार

हरियाणा के हिसार जिले में स्थित लाला लाजपत राय यूनिवर्सिटी ऑफ वेटरनटी एंड एनिमल साइंसेज के साइंटिस्ट डॉं. संदीप कुमार गोयल ने रविवार शाम अपनी आठ साल की बेटी शनाया की सर्जिकल ब्लेड से काटकर बेरहमी से हत्या कर दी। इसके बाद संदीप ने भी आत्महत्या कर ली। संदीप वेटरनटी सर्जरी रेडियोलॉजी ऑफिस में तैनात था। बाप-बेटी के लाशें ऑफिस में ही खून से लथपथ हालत में मिली। संदीप के पास से पुलिस को सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। जिसपर पांच नियम लिखे है। पछताओं मत इत्यादि। पुलिस ने जांच के लिए नोट कब्जे में ले लिया है।

दोनों का सोमवार को हिसार के नागरिक अस्पताल में पोस्टमॉर्टम कराया गया। जिसमें शनाया के पेट और गले पर सर्जिकल ब्लेड से काटने के 4 निशान मिले। वहीं संदीप ने अपने हाथ, छाती और गले की नसों को काटा था। जिससे इन दोनों की मौत हो गई थी। यही नहीं, संदीप ने बेटी की हत्या कर खुदकुशी करने के लिए पशुओं के ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाले सर्जिकल ब्लेड और चाकू का इस्तेमाल किया था। जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है। हिसार सिविल लाइन थाना पुलिस ने संदीप पर उसकी मां संतोष के बयान पर आईपीसी की धारा 302 के तहत केस दर्ज किया। परिजन बाप बेटी के शवों को लेकर जींद के नरवाना गए हैं, जहां पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

मां और पत्नी मौके पर पहुंची तो

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बताया जा रहा है कि रविवार को संदीप बेटी को दुकान पर लेकर जाने की बात कहकर घर से निकला था। करीब एक घंटे बाद जब घर नहीं लौटा ते मां और पत्नी ने फोन किया। डॉक्टर ने किसी का फोन नहीं उठाया तो मां और बहू उसे ढूढ़ती हुई ऑफिस पहुंच गई। ऑफिस पहुंचने के बाद उसका दरवाजा बंद था। आसपास के लोगों की सहायता से दरवाजा तोड़ा गया। तो बाप और बेटी खून से लथपथ पड़े दिखे। पुलिस मामले की जांच सभी एंगल से कर रही है।

साथी कर्मचारी बोले डिप्रेशन में था संदीप

संदीप गोयल के साथ काम करने वाले कर्मचारियों के अनुसार वह डिप्रेशन में चल रहा था। ऐसा उन्होंने कई बार जिक्र किया था। वे अपना इलाज भी करवा रहे थे। इतना ही नहीं, इस लेकर उन्होंने कई बार डॉक्टर भी बदले थे। बीच-बीच में उन्हें आत्महत्या करने के विचार भी आ रहे थे।संदीप के पड़ोसियो के अनुसार साइंटिस्ट का हंसमुख और शांत स्वाभाव था। वह पूजा-पाछ भी करता था। रोज सुबह मंदिर में शिवलिंग पर जल चढ़ाने जाता था। जब भी मिलते तो लगा नही कि जान लेने व जान देने जैसा कदम उठाएंगे।