हिसार के अग्रोहा धाम को लेकर भारतीय पुरातात्विक विभाग ने क्षेत्र में जीपीआर सर्वे और खुदाई कार्य शुरू करने का निर्णय लिया है।
बता दें कि दिल्ली में रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में भारतीय पुरातात्विक विभाग और हरियाणा सरकार के बीच समझौते का समारोह हुआ। हिसार के पास स्थित ऐतिहासिक स्थल अग्रोहा की पुरातात्विक खुदाई की जाएगी। पहले चरण में जीपीआर सर्वे किया जाएगा और फिर खुदाई कार्य शुरू किया जाएगा। हालांकि सीएम मनोहर लाल ने पिछले साल ही अग्रोहा धाम को सिंधु घाटी सभ्यता के सबसे बड़े स्थल राखीगढ़ी के जैसा पर्यटन स्थल बनाने का ऐलान किया था।

केंद्र सरकार ने पहले ही एएसआई और हरियाणा के पुरातत्व विभाग के साथ सहमति दी है कि स्थल और उसके आसपास के क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा दिया जाए। खुदाई के दौरान महाभारत से संबंधित खोज हुई है। पिछली खुदाई में अग्रोहा से सिक्कों की खोज हुई थी और प्राचीन साहित्य में महाराजा अग्रसेन के गणराज्य के मुख्यालय के रूप में इसकी स्थिति का समर्थन करने वाले प्रमुख साक्ष्य मिले थे।

पिछली खुदाई ने दर्शाई महत्ता
अग्रोहा तक्षशिला और मथुरा को जोड़ने वाले प्राचीन व्यापार मार्ग पर स्थित है, जो इसे एक महत्वपूर्ण वाणिज्यिक और राजनीतिक केंद्र बना देता है। पिछली खुदाई ने इसकी महत्ता को दर्शाया है, जिसमें लगभग पांच विभिन्न सांस्कृतिक कालों के साक्ष्य मिले हैं, जो लगभग 4वीं से 14वीं शताब्दी ईसा पूर्व तक हैं।

15 दिन में हुई थी 16 फीट गहराई
हरियाणा पुरातत्व विभाग की वेबसाइट पर बताया गया है कि प्रारंभिक खुदाई छोटे पैमाने पर हुई थी और केवल 15 दिनों के लिए 16 फीट की गहराई तक की गई थी। वहाँ ठोस ईंट की दीवारें, पक्के रास्ते, और ढेर सारी राख और जलने के निशान मिले थे। जो वस्तुएं बरामद की गईं, उनमें सिक्के, मोती, मूर्तियों के टुकड़े और टेराकोटा शामिल रहे थे।

