पानीपत के मॉडल टाउन स्थित डॉ. एमकेके आर्य मॉडल स्कूल में मेटावर्स एक आभासी दुनिया पर रोचक व ज्ञानवर्धक कार्यक्रम का कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यार्थियों को मेटावर्स एक आभासी दुनिया के बारे में दिखाया गया l इस गतिविधि में कक्षा चौथी से 10वीं तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस दौरान विद्यालय के प्रधानाचार्य मधुप परासर ने विद्यार्थियों को मेटावर्स टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी दी।
प्रधानाचार्य मधुप परासर ने बताया कि मेटावर्स एक आभासी दुनिया है, जो पूरी तरह से हाई-स्पीड इंटरनेट पर निर्भर करती है l बिना हाई स्पीड इंटरनेट और गैजेट्स के इस दुनिया में जाना मुमकिन नहीं l उन्होंने बताया कि पिछले कुछ समय से मेटावर्स के बारे में काफी चर्चाएं हो रही हैं l अक्तूबर 2021 में मेटा (फेसबुक) के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कंपनी का नाम मेटा रखा l उस समय मार्क ने कहा कि हम चाहते हैं कि हम दुनिया में मेटावर्स के नाम से जाने जाएं। हालांकि मेटावर्स कोई नया शब्द नहीं है। मेटावर्स शब्द भले ही आज अचानक से चर्चा का विषय बना हुआ हो, लेकिन यह काफी पुराना शब्द है।
मेटावर्स से घर बैठे कर सकते हैं पूरी दुनिया का भ्रमण
मधुप परासर ने बताया कि असल दुनिया में आप हर चीज को छू सकते हैं, उसे महसूस कर सकते हैं, लेकिन मेटावर्स (आभासी दुनिया) इससे बिलकुल विपरीत है। मेटावर्स एक आभासी दुनिया है, जो कि पूरी तरह से हाई-स्पीड इंटरनेट पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि असल दुनिया में आपको किसी जगह का भ्रमण करने के लिए उस जगह पर शारीरिक रूप से जाना पड़ता है, लेकिन मेटावर्स में आप घर बैठे-बैठे अमेरिका या दुनिया के किसी भी कोने का भ्रमण कर सकते हैं। यहां तक कि आप घर बैठे अंतरिक्ष का भी अनुभव ले सकते हैं। मेटावर्स में हर एक चीज आभासी है। कुछ भी वास्तविक नहीं है l प्रधानाचार्य ने बताया कि मेटावर्स से मतलब एक ऐसी दुनिया से है, जिसमें आप शारीरिक रूप से न होते हुए भी वहां मौजूद रहते हैं।
मेटावर्स के अनुभव के लिए जरूरी चीजें
मेटावर्स के लिए वर्चुअल रियलिटी हेडसेट और हाई-स्पीड इंटरनेट आवश्यक है। इसके बिना आप मेटावर्स का अनुभव नहीं कर सकते हैं। इसके लिए आग्युमेंट रियलिटी चश्में, स्मार्टफोन और मोबाइल एप की आवश्यकता होती है। यहां यह स्पष्ट कर दें कि सिर्फ मोबाइल से मेटावर्स का अनुभव नहीं किया जा सकता। हां यह जरूर संभव है कि आप मोबाइल से मेटावर्स के रिकॉर्डेड वीडियो देख लें, लेकिन सिर्फ मोबाइल से मेटावर्स का अनुभव करना संभव नहीं l
इस दौरान विद्यालय की शैक्षिक सलाहकार मंजू सेतिया व भाषा व गतिविधि प्रभारी मीरा मारवाह ने मेटावर्स के बारे में बताते हुए कहा कि समय-समय पर विद्यालय में ऐसी गतिविधियां होनी चाहिए। जिससे छात्रों का नई तकनीकी के प्रति रुचि बढ़ाने में मदद करता है।


 
	
 
						 
						