Haryana Assembly Winter Session Day Two : हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू हो गई है। सदन की कार्रवाई शुरू करने से पहले हिसार निवासी लेफ्टिनेंट अक्षत और राज्य मंत्री कमलेश ढांडा के भतीजे के निधन पर शोक जताया गया। लेफ्टिनेंट अक्षर के निधन पर शोक प्रस्ताव पढ़ा गया। सोमवार को सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही सुबह 11 बजे से शुरू की गई। पहले सत्र के बाद विपक्ष एक बार फिर सवालों के जरिये सरकार को कई मुद्दों पर जमकर घेरा।
जींद के उचाना स्थित राजकीय कन्या विद्यालय में छात्राओं से छेड़छाड़ का मामला सदन में दूसरे दिन भी सुर्खियों में रहा। सदन के पहले दिन हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और तत्कालीन शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के बीच हुई तीखी नोंक-झोक के बाद दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के बीच तीखी बहस हुई। इससे पहले गीता भुक्कल ने दोबारा मामले को उठाते हुए दावा किया कि उनकी ओर से दी गई जानकारी बिल्कुल सही है। विधानसभा स्पीकर ने मामले को शांत करते हुए सीटिंग जज से जांच करवाने की बात कहीं। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा मामले में कूद पड़े। उन्होंने उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने दुष्यंत चौटाला से लगाए गए आरोपों को वापस लेने की मांग की।

पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि हाईकोर्ट के सिटिंग जज सदन के मामले की जांच कैसे कर सकते हैं। इस मामले में दोषी प्रिंसिपल के खिलाफ जांच होनी चाहिए। जिस पर दुष्यंत चौटाला ने चुटकी लेते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा जांच से डर रहे हैं। वह आज भी अपने बयान पर कायम हैं। प्रिंसिपल कांग्रेस राज में ही भर्ती हुआ। तथ्य वहीं हैं और सत्य हैं। यह मामला 2011 में ही नहीं, बल्कि 2012 में हुआ था। इस बीच जजपा विधायक रामकुमार गौतम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मामले की जांच हाईकोर्ट के सीटिंग जज को नहीं देनी चाहिए। क्या हमारी जांच हाईकोर्ट का जज करेगा। जिस पर स्पीकर ने कहा कि यह फैसला सदन का है, स्पीकर का नहीं।

वहीं जवाब देते हुए उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हुड्डा साहब आपके राज में हुआ। आपने उसको बचाने का काम किया। क्या आप कार्रवाई से डर रहे हो। उन्होंने कहा कि जब आरोप सिद्ध हो जाएंगे तो आप क्या करोगे।

सदन में चल रही इस मुद्दे पर बहस के बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पहले दिन सदन ने जींद से जुड़े एक मामले और आरोपों की जांच सिटिंग जज से कराने का फैसला ले लिया था। आज गृह विभाग की तरफ से पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा जा रहा है। पत्र में सिटिंग जज से जांच, जांच का दायरा और टर्म ऑफ रेफरेंस तय किया जाएगा। सदन में इस मुद्दे पर करीब 40 मिनट चली नोंक-झोक के बाद विधानसभा की कार्यवाही को 1 घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया।

सदन में फिर उठा सेक्सुअल हैरेसमेंट मुद्दा, अभय चौटाला का आरोप मंत्री संदीप सिंह का बचाव कर रही सरकार, विज बोलें मामला कोर्ट में, नहीं कर सकते चर्चा
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने सरकार को पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह को जूनियर महिला कोच के सेक्युअल हैरेसमेंट मामले में घेरा। उन्होंने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि चंडीगढ़ में इस मामले में केस दर्ज किया गया, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। अभय चौटाला ने आरोप लगाया कि सरकार ने राज्य मंत्री संदीप सिंह पर कार्रवाई नहीं की। सरकार उन्हें बचाने का काम कर रही है। उधर महिला कोच को प्रताड़ित किया जा रहा है, ताकि वह अपना केस वापस ले ले। वहीं सरकार अपने मंत्री के बचाव में खड़ी है।

गृह मंत्री अनिल विज ने अभय चौटाला के सवाल का जवाब देते हुए यह मामला कोर्ट में है। कोर्ट जो भी फैसला करेगा उसी के हिसाब से ही कार्रवाई की जाएगी। विज ने मामला कोर्ट में विचाराधीन होने का हवाला देते हुए और अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया। अनिल विज ने कहा कि प्रदेश में खिलाड़ियों और कोच के यौन शोषण के अब तक कुल 24 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें 17 मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। इनके अलावा 6 मामलों में कोई साक्ष्य नहीं मिला है। 4 मामलों में सबूत नहीं मिलने पर आरोपियों को छोड़ दिया गया है।

अनिल विज ने कहा कि संदीप सिंह का मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण इस पर सदन में चर्चा नहीं की जानी चाहिए। वहीं इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने गृह मंत्री के बयान से असंतुष्ट होकर सदन से वॉकआउट किया। वहीं कालका से विधायक प्रदीप चौधरी ने पहले प्रश्न के तौर पर खराब सड़कों का मुद्दा उठाया है।

कांग्रेस एमएलए सुरेंद्र पंवार ने हरियाणा में शिक्षकों की कमी का उठाया मुद्दा
सदन के दौरान सोनीपत से कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार ने हरियाणा में टीचर्स की कमी का मुद्दा उठाया। विधायक पंवार ने शिक्षकों की ट्रांसफर पॉलिसी पर भी सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस की सरकार ने शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए गेस्ट टीचर्स की भर्ती की थी, जो अभी तक सेवाएं दे रहे हैं। अफसोस की बात है कि उन्हें आज तक पक्का नहीं किया गया। इसके अलावा गेस्ट और नियमित टीचरों के वेतन में भी बहुत अंतर है, जबकि गेस्ट टीचर्स भी समान काम करते हैं। शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने जवाब देते हुए कहा कि गेस्ट टीचर को लेकर एक एक्ट 2019 बनाया गया था। जिसके तहत 58 साल की उम्र तक उन्हें निकाला नहीं जा सकता। हर साल उन्हें मंहगाई भत्ता भी दिया जाता है।

हरविंद्र कल्याण ने बाढ़ का मुद्दा उठाया, दलाल बोलें सरकार जरूर करेगी काम
घरौंडा विधायक हरविंद्र कल्याण ने बाढ़ का मुद्दा उठाया। उन्होंने कच्चे यमुना बांध के ऊपर के हिस्से को बेहतर बनाने की मांग की। कैबिनेट मंत्री जेपी दलाल ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार इस पर जरूर काम करेगी। सदन में यमुनानगर विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े मुद्दे को उठाया। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार स्वास्थ्य के हर स्तर पर बेहतर कार्य करने की कोशिश कर रहे हैं। 162 पीएचसी की हालत खराब है तो उसको सुधारा जाएगा। इसके लिए पहले ही टेंडर जारी किए जा चुके हैं।

विधानसभा शीतलकालीन सत्र के पहले दिन छात्राओं से छेड़छाड़ का इस प्रकार उठा मुद्दा
तत्कालीन शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल की डिप्टी सीएम को चेतावनी, बोलीं मुझे दलित मत समझना, बंदा बना दूंगी आपको, मैं सदन नहीं चलने दूंगी
संसद भवन में घटना के बाद बुधवार को हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हुआ। पहले दिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल, विपक्षी नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने शोक प्रस्ताव पढ़कर सत्र की शुरुआत की। हरियाणा को आज अपना पहला राज्य गीत मिलेगा। सरकार ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के माध्यम से 3 गीतों का चयन किया है और सदन के पटल पर तीनों गीतों को पेश किया जाएगा।

हरियाणा विधानसभा का तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र सुबह 11 बजे शुरू किया गया। विधानसभा सत्र के तहत में प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद शून्यकाल सत्र की शुरुआत की गई। इस दौरान जींद में स्कूली छात्राओं से छेड़छाड़ के मामले को कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने सदन में उठाया। उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल के बीच तीखी बहस हुई। गीता भुक्क्ल ने उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर आरोप लगाया है कि उन्होंने छात्राओं से छेड़छाड़ मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री होने के नाते उन पर सोशल मीडिया के माध्यम से आरोप लगाए हैं।

गीता भुक्कल ने कहा कि उप मुख्यमंत्री या तो इस बात का प्रमाण दें, नहीं तो सदन में खड़े होकर माफी मांगें। पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने कहा कि सरकार इस मामले में बच्चियों का बचाव करने की बजाय इतनी घिनौनी बयानबाजी देती है। कांग्रेस विधायक गीता ने कहा कि वह इतनी बड़ी घिनौनी हरकत पर सदन से चेतावनी देना चाहती हैं कि आप मुझे दलित मत समझ लेना, बंदा बना दूंगी आपको। उन्होंने कहा कि दुष्यंत चौटाला की सोशल मीडिया पर बयानबाजी से मेरी भावना को ठेस पहुंची है।

वहीं दुष्यंत चौटाला ने कांग्रेस विधायक की बात का जवाब देते हुए कहा कि जींद के उचाना के राजकीय स्कूल में प्रिंसिपल का छात्राओं से छेड़छाड़ का कोई यह पहला वाक्या नहीं है। इससे पहले भी इस तरह की हरकतें सामने आ चुकी हैं। 2005 में भी तत्कालीन एसडीएम की ओर से इस प्रिंसिपल/अध्यापक पर एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। जिसे कांग्रेस के शासनकाल में स्थगित कर दिया गया। वर्ष 2011 में भी प्रिंसिपल के खिलाफ मखंड गांव की पंचायत ने डीडीआर कटाई। इसके बाद आपके घर पंचायत हुई। दुष्यंत ने आरोप लगाया कि शिक्षा मंत्री होते हुए भी गीता भुक्कल ने प्रिंसिपल का पक्ष लिया और उनकी पोस्टिंग उचाना की। दुष्यंत चौटाला ने दावा किया कि वह उस समय एक अखबार में प्रकाशित हुई खबर की कटिंग भी पेश कर सकते हैं।

वहीं गीता भुक्कल ने फिर आवाज उठाते हुए कहा कि बच्चियों को न्याय पाने के लिए देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखनी पड़ी। बच्चियों का यौन शोषण किया गया। सरकार इस बात पर बचने की बजाय जवाब दे। कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने कहा कि सरकार इस बात का जवाब दें। वह सदन को नहीं चलने देंगी।
वहीं इस मामले में सरकार की ओर से दुष्यंत चौटाला ने छेड़छाड़ मामले पर बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि वर्ष 2005 और 2011 में इसी प्रिंसिपल के खिलाफ इसी तरह का मामला सामने आया था। आरोप है कि वर्ष 2011 में इस मामले में डीडीआर कट गई थी। एफआईआर दर्ज न हो, इसके लिए कांग्रेस सरकार में पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने अपने झज्जर के घर में समझौता करवाया था।
वर्ष 2005 और 2011 में भी अध्यापक के खिलाफ शिकायत की गई थी। अब सवाल उठता है कि उस दौरान प्रिंसिनल को किसने बचाया। इतिहास में अध्यापक का गुनाह छिपाने वालों की पुलिस से जांच करवाई जाए।
उप मुख्यमंत्री के आरोपों का कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने खंडन करते हुए कहा कि मैं कसम खाकर कहती हूं, मैंने किसी का बचाव नहीं किया। मुझे इस बात का सबूत दिया जाए। वहीं स्पीकर ने सदन में धमकी नहीं देने की बात कहीं। उन्होंने कहा कि सदन के बाद आपको जो कार्रवाई करनी है, आप कर सकती हैं। स्पीकर ने बताया कि जींद के मामले में 19 तारीख को कॉल अटेंशन मोशन स्वीकार किया है। इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विधानसभा इसकी खोज नहीं कर सकती। इसके बाद स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने सदन को बताया कि यह तय किया गया है कि मामले की जांच पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करवाई जाएगी।