नहीं मिल पा रहा था कनेक्शन, हरियाणा के किसानों की गजब तकनीक, घर पर मुर्गी की बीट से बना दी बिजली

झज्जर

बिजली की कमी को पूरा करने के लिए सरकार सोलर पैनल का हर जगह अविष्कार कर रही है। वहीं हरियाणा के झज्जर जिले में किसान मुर्गी की बीट से ही बिजली तैयार करके लाखों रुपये का बिल बचा रहे हैं। घर में  हैचरी का या गैस का होने वाला खर्चा बचाने के साथ गैस द्वारा जनरेटर चलाकर बिजली पैदा कर रहे हैं।

झज्जर में एक परिवार को बिजली का कनेक्शन नहीं मिल पा रहा था। इससे परेशान होकर इस परिवार ने मुर्गी की बीट से बिजली बना डाली। अब यह परिवार न सिर्फ खुद इस बिजली का इस्तेमला कर रहा है बल्कि इसे बेचकर पैसे भी कमा रहा है। इस बिजली से घर और हैचरी का सारा काम भी हो जाता है।

अब यह परिवार मुर्गी की बीट से लगभग 50 किलोवाट बिजली पैदा कर रहा है। मुर्गी फार्म पर ही ऐसे उपकरण लगाए गए हैं जो 24 घंटे बिजली बनाते रहते हैं। इससे न सिर्फ बिजली मिलती है बल्कि दुर्गंध और गंदगी से भी निजात मिल गई है।

Whatsapp Channel Join

पिता और पुत्र तीन प्लांट लगाकर बचा रहे बिजली का बिल

गांव सिलानी के रहने वाले किसान रामेहर को बिजली निगम के कई चक्कर लगाने पडे उसके बावजूद भी बिजली का कनेक्शन नहीं मिल पाया तो उसने तय किया कि खुद बिजली बनाएगा। कृषि अधिकारियों की मद्द से 20 हजार मुर्गियों की हैचरी बनाई और पहले रसोई मे प्रयोग होने वाली गैस बनाकर घर का काम चलाया। रामेहर ने फार्म हाउस में मुर्गियों की बीट का इस्तेमाल करके बिजली का आविष्कार किया। आज उसके इस आविष्कार को देखने के लिए देश-विदेश से लोग मिलने आते हैं।

गैस से चलाया जनरेटर

रामेहर एक किसान होने के साथ सूबेदार के पद पर सेवानिवृत रह चुका है। उसने अपने मुर्गी फार्म में मुर्गियो की बीट से बिजली का आविष्कार किया और 50 प्रतिशत डीजल मे 50 प्रतिशत प्लांट का प्रयोग करके गैस से

जनरेटर चलाने की सफलता प्राप्त की है। पहले वह 30 किलोवाट बिजली का इस्तेमाल करता था।लेकिन अब सफलता प्राप्त करने के बाद उसे रोजगार मे तरक्की मिली। रामहेर ने 2011 में 160 क्यूबिक मीटर का एक डाइजेस्टर टैंक बनाया, और गैस का उत्पादन शुरू होने के बाद उसने  गैस से चलने वाले 62 किलोवाट बिजली वाले जनरेटर को खरीदकर उसे गैस से चलाया। अब इस जनरेटर से 50 किलोवाट बिजली पैदा होती है।

24 घंटें करते हैं बिजली उत्पादन

किसान रामहेर के पुत्रों ने दो गांवो मे मुर्गी की बीट के द्वारा बनाइ गई बिजली का इस्तेमाल करके बिजली का बील बचा रहे है। उनके एक पुत्र जगबीर ने डावला के मुर्गी फार्म में दो डायजेस्टर का इस्तेमाल करके 24 घंटे बिजली का उत्पादन कर रहा हैं और उनके दूसरे पुत्र सुखबीर व रणवीर सिंह ने गांव किरडौद में मुर्गी फार्म में चार डायजेस्टर लगा रखे हैं, जो कि 24 घंटे से ज्यादा समय तक फार्म में बिजली का उत्पादन कर रहे हैं।