Jhajjar के गांव जहांगीरपुर में एक जवान ने देश की सेवा करते हुए शहादत पाई। उनका नाम हरीश सिंहमार(Harish Singhmar) था और उनकी उम्र 35 वर्ष थी। उनका निधन दिल के दौरे से हुआ। उनकी अंतिम यात्रा उनके पैतृक गांव में हुई, जहां सैन्य अधिकारी ने उन्हें सम्मानित किया, जो कि जम्मू-कश्मीर(Jammu & Kashmir) में चुनाव डयूटी(Election Duty) पर तैनात था। लाखों लोगों ने उनको विदाई दी, उनके साथियों ने उन्हें गार्ड ऑफ हॉनर(guard of honor) दिया।
बता दें कि हरीश सिंहमार किश्तवाड़ा, जम्मू और कश्मीर में चुनाव ड्यूटी पर थे। 18 अप्रैल को उन्हें पेट दर्द हुआ, जो बाद में हार्ट अटैक में बदल गया। उन्हें अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनका शव उनके गांव में पहुंचाया गया और उन्हें अंतिम सम्मान दिया गया। हरीश की शादी आठ साल पहले पलड़ा गांव की बेटी हसमूखी के साथ हुई थी। उनकी तीन साल की बेटी यशस्वी है। उनके पिता रामकिशन पूर्व में शिक्षा विभाग में काम करते थे।
हरीश 2012 में सीआरपीएफ में शामिल हुए थे। उनकी चिता को उनके भाई हरिओम ने जलाया। सेना के जवानों ने उनके पिता को तिरंगा झंडा सौंपा। उनकी अंतिम यात्रा में कई प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।